उच्चतम न्यायालय ने करीब दो दशक पुरानी शादी को समाप्त किया

उच्चतम न्यायालय ने करीब दो दशक पुरानी शादी को समाप्त किया

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  • Publish Date - September 13, 2021 / 09:51 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:17 PM IST

नयी दिल्ली, 13 सितंबर (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को करीब दो दशक पुराने उस विवाह को समाप्त कर दिया, जिसमें यह जोड़ा एक दिन भी साथ नहीं रहा था। अदालत ने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि वैवाहिक जीवन की शुरुआत से ही यह रिश्ता समाप्त हो गया था।

शीर्ष अदालत ने न केवल संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी पूर्ण शक्तियों का प्रयोग करते हुए विवाह को समाप्त करने के लिए तलाक को मंजूरी दी बल्कि न्यायिक कार्यवाही के लंबित रहने के दौरान हिंदू विवाह अधिनियम के प्रावधान के तहत महिला के आचरण की क्रूरता के कारण भी तलाक को मंजूरी दी।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने कहा कि फरवरी 2002 में जोड़े का विवाह हुआ था और दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता या किसी भी अन्य स्वीकार्य तरीके से समाधान खोजने के प्रयास सफल नहीं हुए। पीठ ने पुरुष द्वारा दायर याचिका पर फैसला सुनाते हुए आदेश पारित किया।

सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करने वाले याचिकाकर्ता ने शीर्ष अदालत को बताया था कि महिला का विचार था कि उसे उसकी सहमति के बिना याचिकाकर्ता से शादी करने के लिए मजबूर किया गया था और वह देर रात ही विवाह स्थल से चली गई थी।

पीठ ने महिला के आचरण पर ध्यान दिया, जिसने याचिकाकर्ता के खिलाफ अदालतों में कई मामले दायर किए थे और कॉलेज के अधिकारियों को भी उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही शुरू करने की मांग की थी। पीठ ने कहा कि इस तरह के निरंतर आचरण को क्रूरता के समान समझा जाएगा।

भाषा शफीक उमा

उमा