नयी दिल्ली, 11 जुलाई (भाषा) उच्चतम न्यायालय हाथरस में हुई भगदड़ की जांच की मांग वाली याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी।
याचिका में दो जुलाई की भगदड़ की घटना की जांच के लिए शीर्ष न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की निगरानी में पांच सदस्यीय विशेषज्ञ समिति की नियुक्ति की मांग की गई है।
उच्चतम न्यायालय की वेबसाइट पर 12 जुलाई के लिए अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार, याचिका पर सुनवाई प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ के समक्ष होगी।
अधिवक्ता विशाल तिवारी द्वारा दायर याचिका में उत्तर प्रदेश सरकार को घटना पर स्थिति रिपोर्ट प्रस्तुत करने और अधिकारियों, कर्मचारियों और अन्य के खिलाफ उनकी लापरवाही के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है।
याचिका में सर्वोच्च न्यायालय से राज्यों को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि वे किसी भी धार्मिक या अन्य कार्यक्रम जिसमें बड़ी संख्या में लोग एकत्र हों, के आयोजन में जनता की सुरक्षा के लिए भगदड़ या अन्य घटनाओं को रोकने के लिए दिशानिर्देश जारी करें।
हाथरस में एक धार्मिक समागम में 2 जुलाई को भगदड़ में 121 लोगों की मौत हो गई थी।
हाथरस जिले के फुलरई गांव में बाबा नारायण हरि, जिन्हें साकार विश्वहरि और भोले बाबा के नाम से भी जाना जाता है, द्वारा आयोजित ‘सत्संग’ के लिए 2.5 लाख से अधिक भक्त एकत्र हुए थे।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है, जिसमें उन पर सबूत छिपाने और शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है। इस कार्यक्रम में 2.5 लाख लोग इकट्ठा हुए थे, जबकि केवल 80,000 लोगों के लिए ही अनुमति दी गई थी।
भाषा प्रशांत पवनेश
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