सरकार जुर्माने एवं एनओसी देने से इनकार करने सहित दिव्यांग सुलभ मानकों को सख्ती से लागू करेगी

सरकार जुर्माने एवं एनओसी देने से इनकार करने सहित दिव्यांग सुलभ मानकों को सख्ती से लागू करेगी

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  • Publish Date - December 2, 2024 / 09:38 PM IST,
    Updated On - December 2, 2024 / 09:38 PM IST

Arrest warrant against former PM Imran Khan. image source: ibc24

नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) दिव्यांग मामलों के विभाग ने दिव्यांगों के लिए बाधा मुक्त वातावरण बनाने के लिए कड़े दिशानिर्देशों को अंतिम रूप दिया है जिसमें दिव्यांग सुलभ मानकों को पूरा करने में विफल रहने वाली इमारतों और डिजिटल मंचों पर जुर्माना एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र देने से इनकार करने सहित दंड का प्रावधान करने का प्रस्ताव है।

एक अधिकारी ने बताया कि नए उपायों में जवाबदेही सुनिश्चित करने के तंत्र भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यह पहल उच्चतम न्यायालय के हालिया निर्देश के अनुरूप है, जिसने केंद्र को दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार (आरपीडब्ल्यूडी) अधिनियम के तहत अनिवार्य सुलभ मानकों को लागू करने के लिए तीन महीने का समय दिया था।

अधिकारी ने कहा,‘‘हम अनिवार्य मानकों को अंतिम रूप देने के लिए अधिकार समूहों, दिव्यांग व्यक्तियों और देखभाल करने वालों के साथ व्यापक परामर्श कर रहे हैं। इन दिशानिर्देशों में अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए सख्त प्रवर्तन तंत्र शामिल होंगे।’’

उन्होंने बताया कि प्रस्तावित मसौदे का उद्देश्य राज्य आयुक्तों को प्रवर्तन में केंद्रीय भूमिका निभाने के लिए सशक्त बनाना है।

अधिकारी ने कहा कि किसी भी गैर-अनुपालन पर पहले अपराध के लिए 10,000 रुपये से शुरू होकर और बार-बार उल्लंघन करने पर पांच लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

विभाग ने जोर दिया कि सुगमता एक सामूहिक जिम्मेदारी है।

अधिकारी ने बताया, ‘‘यह सिर्फ सरकार का कर्तव्य नहीं है। प्रत्येक नागरिक और सार्वजनिक सेवाएं प्रदान करने वाली निजी क्षेत्र की इकाई को भी समावेशिता सुनिश्चित करनी चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि नियामकों को सार्वजनिक स्थानों, वेबसाइटों और पोर्टलों पर इन मानकों का पालन सुनिश्चित करने का भी काम सौंपा जाएगा।

इस पूरी प्रक्रिया में शामिल एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी ने अपनाए जा रहे सहयोगात्मक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा, ‘‘हम समावेशिता सुनिश्चित करने वाले न्यूनतम, अनिवार्य मानक विकसित करने के लिए मंत्रालयों, राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण (एनएएलएसए) और दिव्यांगों के अधिकारों की वकालत समूहों के संपर्क में हैं।’’

विभाग के अधिकारियों ने रेखांकित किया कि आगामी दिशानिर्देशों का उद्देश्य पहले के स्व-नियामक दृष्टिकोण में अंतर को पाटना है, जो दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अधिक समावेशी भारत के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

भाषा धीरज रंजन

रंजन