Election Commission of India
गुवाहाटी : decline in the number of D-voters in state : असम में इस साल जनवरी से अब तक सात महीनों में ‘डी’ (संदिग्ध) मतदाताओं की कुल संख्या 1.22 प्रतिशत घटकर 1,01,107 रह गई है। मुख्य चुनाव अधिकारी नितिन खाड़े ने यह जानकरी दी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, डी-मतदाता वे हैं जो अपनी भारतीय राष्ट्रीयता के पक्ष में सबूत नहीं दे सके।
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decline in the number of D-voters in state : खाड़े ने कहा कि मतदाता सूची के अनुसार पांच जनवरी तक राज्य में 1,02,360 डी-मतदाता थे जिनमें 38,496 पुरुष और 63,864 महिलाएं थीं। खाड़े ने यहां कहा, ‘मतदाता सूची में संशोधन के बाद 30 जुलाई को यह संख्या घटकर 1,01,107 रह गई। इनमें 38,001 पुरुष और 63,106 महिलाएं शामिल हैं।’
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decline in the number of D-voters in state : हालांकि, उन्होंने कहा कि डी-मतदाता मतदान करने में सक्षम होगा या नहीं, यह तय करने में निर्वाचन आयोग की कोई भूमिका नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘डी-मतदाता को हटाना या नियमित करना विदेशी प्राधिकरण के आदेशों और बाद के उच्च न्यायालयों के निर्णयों के अनुसार किया जाता है। यदि कानूनी प्रणाली किसी को विदेशी घोषित करती है, तो उसका नाम मतदाता सूची से हटा दिया जाता है।’’ खाड़े ने कहा, ‘अगर न्यायपालिका द्वारा डी-मतदाता को भारतीय नागरिक करार दिया जाता है, तो उसके नाम से उपसर्ग ‘डी’ हटा दिया जाता है। इस तरह डी-मतदाताओं की संख्या धीरे-धीरे कम हो रही है।’
decline in the number of D-voters in state : डी-मतदाताओं का मुद्दा असम के राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में सबसे विवादास्पद विषयों में से एक है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के एकल मुद्दे पर कई चुनाव लड़े और जीते गए हैं। यदि इन लोगों के नाम मतदाता सूची में होते हैं तो उन्हें शुरू में डी-मतदाता के रूप में चिह्नित किया जाता है। निर्वाचन आयोग ने 1997 में असम में डी-मतदाता की अवधारणा पेश की थी। यह भारत में कहीं और मौजूद नहीं है। जनवरी से सात महीने की अवधि के दौरान, असम में मतदाताओं की कुल संख्या बढ़कर 2,38,25,522 हो गई. जनवरी में राज्य में कुल 2,37,10,834 मतदाता थे।
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decline in the number of D-voters in state : मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि 18-19 वर्ष के आयु वर्ग में पहली बार मतदाता बनने वाले लोगों की संख्या भी सात महीने पहले के आंकड़े 4,79,133 से बढ़कर जुलाई के अंत तक 6,05,422 हो गई। चुनाव विभाग ने सोमवार को एक राष्ट्रव्यापी कवायद के तहत पहली बार मतदाता बनने वालों के लिए उनके अनुकूल ऑनलाइन मतदाता पंजीकरण फॉर्म शुरू किए। खाड़े ने कहा कि इस साल की मतदाता सूची का मसौदा नौ नवंबर को और अंतिम सूची पांच जनवरी 2023 को प्रकाशित की जाएगी।