बंगाल में शिक्षकों की भर्ती मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा, बैठक बारह बजे तक के लिए स्थगित

बंगाल में शिक्षकों की भर्ती मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा, बैठक बारह बजे तक के लिए स्थगित

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  • Publish Date - April 4, 2025 / 11:50 AM IST,
    Updated On - April 4, 2025 / 11:50 AM IST

नयी दिल्ली, चार अप्रैल (भाषा) पश्चिम बंगाल में शिक्षकों की भर्ती के मुद्दे पर शुक्रवार को राज्यसभा में सत्ता पक्ष और विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण उच्च सदन की बैठक शुरू होने के करीब 25 मिनट बाद दोपहर बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

हंगामे की वजह से उच्च सदन में शून्यकाल नहीं हो पाया।

सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति ने आवश्यक दस्तावेज पटल पर रखवाए। इसके बाद उन्होंने शून्यकाल के तहत सदस्यों से लोक महत्व से जुड़े मुद्दे उठाने को कहा। इसी दौरान सत्ता पक्ष के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया।

सभापति ने कहा कि अगर सभी सदस्य एक साथ बोलेंगे तो उनके लिए सुनना मुश्किल होगा। उन्होंने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल तथा कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा अन्य सदस्यों को बैठने और एक-एक कर अपनी बात रखने को कहा।

हंगामे के बीच ही उन्होंने भाजपा सदस्य लक्ष्मीकांत बाजपेयी को बोलने की अनुमति दी। बाजपेयी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने बृहस्पतिवार को पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा संचालित और राज्य सहायता प्राप्त स्कूलों में 25,753 शिक्षकों एवं अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति को अवैध करार दे दिया है।

इसी दौरान तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने सदन में हंगामा शुरू कर दिया। सभापति ने सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्यों से शांत रहने की अपील की।

हंगामे के बीच ही बाजपेयी ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने 22 अप्रैल, 2024 के कलकत्ता उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा, जिसमें नियुक्तियों को रद्द कर दिया गया था और कहा गया था कि दागी अभ्यर्थियों को ‘‘वेतन/प्राप्त भुगतान’’ वापस करना चाहिए।

बाजपेयी ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ ही उच्चतम न्यायालय गई थी लेकिन उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार रखा है।

सभापति ने तृणमूल कांग्रेस के सदस्य डेरेक ओ’ब्रायन को बोलने की अनुमति दी। हंगामे के बीच तृणमूल सदस्य ने कहा कि वह अपनी बात रखना चाहते हैं लेकिन सदन में व्यवस्था नहीं है। इसके बाद सभापति ने 11 बज कर करीब 25 मिनट पर बैठक बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

भाषा

मनीषा अविनाश

अविनाश