विधानसभा सत्र में सरकार से हर मुद्दे पर जवाब मांगेंगे : सचिन पायलट

विधानसभा सत्र में सरकार से हर मुद्दे पर जवाब मांगेंगे : सचिन पायलट

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  • Publish Date - January 13, 2025 / 07:59 PM IST,
    Updated On - January 13, 2025 / 07:59 PM IST

जयपुर, 13 जनवरी (भाषा) कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस राज्य विधानसभा के अगले सत्र में जनहित से जुड़े हर मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगेगी।

उन्होंने दावा किया कि राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार अपने ही फैसलों को लेकर ‘भ्रम’ में है और वह अपने एक साल के कार्यकाल में जनता को प्रभावित करने में नाकाम रही है।

पायलट ने कहा, ‘यह सरकार पूरी तरह से ‘भ्रमित’ है। पहले उन्होंने घोषणा की कि वे सभी जिलों को खत्म कर देंगे और फिर उन्होंने इसे लेकर एक समिति बनाई। बाद में उन्होंने कुछ जिलों को खत्म कर दिया और अन्य को नहीं। कोई नहीं जानता कि मापदंड क्या हैं। मनमाने फैसले लिए जा रहे हैं।’

पायलट ‘संसदीय लोकतंत्र में संविधान और संस्थाओं के महत्व’ विषय पर आयोजित एक कार्यक्रम के बाद संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

पुलिस उपनिरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा 2021 को रद्द करने की मांग संबंधी मुद्दे का जिक्र करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकारी एजेंसियों ने इस परीक्षा को रद्द करने की सिफारिश की है और मंत्री इसे रद्द करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ऐसा नहीं कर रही है।

उन्होंने कहा, “सरकार की क्या मजबूरी है? वह परीक्षा क्यों नहीं रद्द करना चाहती है? क्या उसे अपनी खुद की एजेंसी पर भरोसा नहीं है।”

पायलट ने कहा, “इसलिए मैंने कहा कि भाजपा सरकार में आंतरिक तौर पर बहुत भ्रम है। वह अपने एक साल के कार्यकाल के दौरान जनता को ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाई है।”

उन्होंने कहा, “सरकार ने ‘राइजिंग राजस्थान’ निवेश सम्मेलन में 35 लाख करोड़ रुपये के समझौते किए, लेकिन कोई रोडमैप और समय सीमा नहीं बताई। अब वे कह रहे हैं कि हम नीलामी नहीं, बल्कि ऐसे ही जमीन आवंटित करेंगे।”

पायलट ने कहा, “इसका मतलब क्या हुआ? आप पक्षपात करना चाहते हैं? अगर आप जमीन आवंटित करना चाहते हैं, तो बताइए आप किसे करना चाहते हैं। विधानसभा सत्र में हम हर मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगें, यह हमारा अधिकार है।”

दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव पर पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी ने वैकल्पिक व्यवस्था के लिए एक रोडमैप दिया है। हम अलग-अलग गारंटी दे रहे हैं। हमने अपना विचार, रोडमैप और एजेंडा रखा है, अब दिल्ली की जनता को फैसला करना है।’

भाषा

पृथ्वी पारुल

पारुल