Jyotiraditya Scindia Interview, image source: IANS
नईदिल्ली: Jyotiraditya Scindia Interview on North East, नॉर्थ ईस्ट के विकास को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि पहले की सरकारों का इधर फोकस नहीं रहा है। नॉर्थईस्ट में पहले सरकारों का इतना फोकस नहीं रहा। अब संघर्ष किया जा रहा है। प्रधानमंत्री जी की कल्पना है और इसमें हमें भारत की इतिहास और अतीत में जाना होगा। उत्तर पूर्वी क्षेत्र में एक सेतु के रूप में विश्व को ग्लोबल साउथ के साथ जोड़ता था। आसियान के जितने भी देश हैं, उनका ट्रेड हो, उनका माइग्रेशन आउट सब उत्तर पूर्वी क्षेत्र के आधार पर होता था।
हमारा उत्तर पूर्वी क्षेत्र एक कनेक्टर होता था और इस क्षेत्र की क्षमता पूरे विश्व में, अगर बखान की जाए तो अति शोभनीय थी। पिछले 65 वर्षों में जो एक एक करके इस क्षेत्र को सीमित किया गया और उसके बाद विकास और प्रगति से अवरुद्ध किया गया, उस परिकल्पना को बदलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पूरी शक्ति उत्तर पूर्वी क्षेत्र की विकास प्रगति के लिए लगाई और यह उनके अंतरआत्मा की आवाज थी।
स्वतः उन्होंने उत्तर पूर्वी क्षेत्र में करीब 70 बार भ्रमण किया है, प्रवास किया है जो अपने आप में कीर्तिमान है। अगर सारे 65 वर्ष के प्रधानमंत्रियों के समस्त दौरों को भी आप इकट्ठा करें, तो वे भी इतने बार उत्तर पूर्वी क्षेत्र में नहीं जा पाए हैं। जितनी बार हमारे वर्तमान के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी गए और उसी के साथ 5,00,000 करोड़ का निवेश उत्तर पूर्वी क्षेत्र में किया है।
अधोसंरचना में चाहे रोड हो, रेल हो, हवाई सेवा हो, मेरा पूर्व मंत्रालय है पर जहां नौ हवाई अड्डे होते थे, 2014 में आज वहां 17 हवाई अड्डे निर्मित हो चुके हैं। अरुणाचल और सिक्किम जैसे राज्य में एक हवाई अड्डा भी नहीं था। 65 वर्षों में आज अरुणाचल में चार हवाई अड्डे, सिक्किम में एक हवाई अड्डा है।
रोड के क्षेत्र में 10,000 किलोमीटर के नेशनल हाईवे थे। आज 16,000 किलोमीटर के नेशनल हाईवे। मतलब कि जो 65 वर्षों में बनाया करीब करीब उतना ही 10 वर्ष में बनाकर तैयार कर दिया। ग्रामीण क्षेत्र के रोड में 50,000 करोड़ की राशि के आधार पर 40 किलोमीटर 40,000 किलोमीटर की सड़कें बनी और वही स्थिति रेल रोड की है। करीब करीब 2000 किलोमीटर की रेल रोड का निर्माण अभी हो रहा है।
80,000 करोड़ राशि के आधार पर और आठ के आठ राज्यों में रेल की सेवा हम लोग पहुंचाने के लिए संकल्पित हैं। आज पांच राज्यों तक रेल की सेवा है। बाकी तीन भी 2027 तक हम लोग पहुंचाकर रखेंगे। आज पूरे देश में सबसे लंबा रोड ब्रिज भूपेन हजारिका ब्रिज साढ़े चार किलोमीटर का तैनात हो गया और वही विश्व का सबसे लंबा रोड कम रेल ब्रिज बोगी मेल ब्रिज साढ़े नौ किलोमीटर का तैनात हो गया है।
तो यह एक ऐसे कीर्तिमान है जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। वैसे ही सामाजिक क्षेत्र में, स्वास्थ्य के क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में, हर एक क्षेत्र में, उत्तर पूर्वी आठ राज्यों को देश का ग्रोथ इंजन बनाना यह प्रधानमंत्री जी का लक्ष्य रहा और इसी के तहत आज अगर विश्व के ग्रोथ रेट को हम देखें तो विश्व दो ढाई प्रतिशत तक सीमित है।
आर्थिक विकास की दर में भारत सात साढ़े 7% पर आगे बढ़ रहा है। मतलब विश्व के तीन गुना से ज्यादा ग्रोथ रेट पर हम लोग बढ़ रहे हैं और उत्तर पूर्वी के आठ राज्यों को अगर हम देखें। एक नहीं, दो नहीं, चार नहीं, छह नहीं, आठ के आठ, तो पिछले 10 सालों में 11 से 13% के ग्रोथ रेट से आगे बढ़े हैं।
तो मतलब विश्व का करीब करीब साढ़े 3 से 4 गुना और भारत का करीब करीब पौने दोगुने रेट से। आज मेरा उत्तर पूर्वी क्षेत्र बढ़ रहा है। तो आज अगर आप समझे कि भारत के 36 राज्यों और यूनियन टेरिटरी। एक रेल की तरह है तो उस रेल का इंजन जरूर उत्तर पूर्वी क्षेत्र बन चुका है।