अडाणी पावर के खिलाफ पर्यावरण संबंधी नियमों के उल्लंघन को लेकर कार्रवाई क्यों नहीं हुई : कांग्रेस

अडाणी पावर के खिलाफ पर्यावरण संबंधी नियमों के उल्लंघन को लेकर कार्रवाई क्यों नहीं हुई : कांग्रेस

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  • Publish Date - March 20, 2023 / 08:39 PM IST,
    Updated On - March 20, 2023 / 08:39 PM IST

नयी दिल्ली, 20 मार्च (भाषा) कांग्रेस ने सोमवार को ‘अडाणी पावर’ पर गुजरात में बिजली संयंत्रों के संचालन में पर्यावरण संबंधी नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया और सवाल किया कि अडाणी समूह की इस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हुई।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ‘हम अडाणी के हैं कौन’ श्रृंखला के तहत पिछले कई दिनों की तरह आज भी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कुछ सवाल किए।

कांग्रेस अमेरिकी वित्तीय शोध संस्था ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की रिपोर्ट आने के बाद से अडाणी समूह और प्रधानमंत्री पर लगातार हमले कर रही है। हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडाणी समूह के खिलाफ फर्जी तरीके से लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेर-फेर सहित कई आरोप लगाए थे। अडाणी समूह ने इन आरोपों को झूठा करार देते हुए कहा था कि उसने सभी कानूनों और प्रावधानों का पालन किया है।

रमेश ने दावा किया, ‘‘मुंद्रा में 8,620 मेगावाट (मेगावाट) की क्षमता वाले 14 ताप विद्युत संयंत्र हैं, जिनमें नौ संयंत्र अडाणी के हैं, उनमें 4,620 मेगावाट का उत्पादन होता है। 22 सितंबर 2022 को गुजरात विधानसभा में पेश की गई एक कैग रिपोर्ट से पता चला कि राज्य सरकार ने अडाणी समूह द्वारा पर्यावरणीय उल्लंघन पर अपनी आंखें मूंद ली थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘अडाणी पावर ने गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की मंजूरी के बिना 2014-15 और 2018-19 के बीच निचले इलाकों में अवैध रूप से 15.42 लाख टन खतरनाक ‘फ्लाई ऐश’ (राख) फेंका था। इसने इस जहरीले उपोत्पाद के पुनर्चक्रण की गलत सूचना दी थी, जबकि इसे सुनिश्चित करने के लिए कोई ऑनलाइन निगरानी प्रणाली नहीं थी, जैसा केंद्रीय विद्युत मंत्रालय द्वारा आवश्यक बताया गया था।’’

रमेश ने दावा किया, ‘‘कैग ने बताया कि फ्लाई ऐश को मंजूरी के बिना निचले इलाकों में फेंकने और इसके 100 प्रतिशत उपयोग की ग़लत रिपोर्ट देने के लिए गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अडाणी पावर के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की।’’

उन्होंने सवाल किया, ‘‘अडाणी समूह के ख़िलाफ़ किसी भी तरह की कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई? किसने विद्युत मंत्रालय और गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को इस तरह के घोर उल्लंघनों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने से रोका? ’’

भाषा हक हक