promotion of lecturer to principal banned, image source: ibc24
बिलासपुर: promotion of lecturer to principal banned, व्याख्याता से प्राचार्य पदोन्नति मामले में सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। राज्य शासन ने बुधवार को प्राचार्य प्रमोशन की सूची जारी की थी। स्कूल शिक्षा विभाग के फैसले पर उच्च न्यायालय ने सख्त नाराजगी जताते हुए अवमानना का नोटिस भी जारी कर दिया है। इस मामले में अब 7 मई को अगली सुनवाई होगी।
मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस अरविंद वर्मा की डिवीजन बेंच में हुई। प्राचार्य पदोन्नति को लेकर बिलासपुर हाईकोर्ट में शिक्षकों व शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने अलग-अलग याचिका लगाई है। सभी याचिकाओं की कोर्ट में अलग-अलग सुनवाई चल रही है।
read more: एनएचआरसी ने मप्र पुलिस की ‘निष्क्रियता’ पर सरकार और डीजीपी को नोटिस जारी किया
पिछली सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता द्वारा दी गई जानकारी के बाद चीफ जस्टिस ने इस तरह की सभी याचिकाओं को एक साथ क्लब कर सुनवाई करने का निर्देश दिया। मामले में गुरुवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि बीते सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से अंडरटेकिंग दिया गया था। राज्य शासन ने अपने ही अंडरटेकिंग का उल्लंघन कर दिया है।
promotion of lecturer to principal banned, बुधवार को ही राज्य शासन ने प्राचार्यों की पदोन्नति सूची जारी की थी। जिसमें ई संवर्ग के 1524 एवं टी संवर्ग के 1401 शिक्षकों कुल 2925 शिक्षकों की सूची जारी की गई थी। प्राचार्य पदोन्नति को लेकर दायर अखिलेश त्रिपाठी की याचिका में डिवीजन बेंच में सुनवाई हुई। इस याचिका में प्राचार्य पदोन्नति फोरम द्वारा हस्तक्षेप याचिका लगाई गई है।
read more: Weather news Today: आग उगल रहा सूरज, तापमान पहुंचा 45 डिग्री के पार, गर्मी से लोगों का हाल बेहाल
सुनवाई के दौरान राज्य शासन की ओर से पैरवी कर रहे अतिरिक्त महाधिवक्ता ने डिवीजन बेंच को जानकारी दी कि भर्ती पदोन्नति नियम 2019 के विरुद्ध हाई कोर्ट के अन्य बेंच में भी याचिका लंबित है। अतिरिक्त महाधिवक्ता ने अलग-अलग बेंच में सुनवाई हो रही सभी याचिका को क्लब कर एक साथ सुनवाई करने का अनुरोध किया। जिस पर चीफ जस्टिस ने सभी याचिकाओं को एक साथ क्लब करने का निर्देश दिया।
आज ही चीफ जस्टिस की बेंच में 24वे नंबर पर फ्रेश मैटर भर्ती पदोन्नति नियम 2019 को लेकर पुरुषोत्तम सिंह यदु की याचिका लगी हुई थी। सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता ने बताया कि डीबी में आपके द्वारा प्राचार्य पदोन्नति को लेकर दायर सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई का आदेश जारी किया गया है। जिसके बाद चीफ जस्टिस ने सभी याचिकाओं की एक साथ सुनवाई करने की व्यवस्था दी है। इसी के तहत आज मामले की सुनवाई हुई, जिसमें कोर्ट की नाराजगी कुछ इस तरह सामने आई है।