Reported By: Saurabh Singh Parihar
,deepak baij on tiranga, image source: deepak baij X
रायपुर: Raipur News, छत्तीसगढ़ में 15 अगस्त से पहले छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ के आदेश पर सियासी बवाल मचा है। जिसमें मस्जिद, मदरसों और दरगाहों में तिरंगा फहराने के आदेश दिए गए। यूं तो तिरंगा हर भारतीय के दिल में बसता है। भारत का नागरिक इसकी छत्रछाया में अखंडता के नए कीर्तिमान रचता है। इसे फहराने के लिए किसी सरकारी आदेश की जरूरत नहीं। हर बात पर सियासत की आदत हमारे तिरंगे को भी सियासी फसाद का विषय बना देती है।
15 अगस्त को पूरा देश उत्साह के साथ स्वतंत्रता दिवस का पर्व मनाएगा। लेकिन आजादी के सात दशक बाद भी देश में तिरंगा फहराने को लेकर सियासत खत्म नहीं हुई है। छत्तीसगढ़ में भी इस वक्त मस्जिदों में तिरंगा फहराने के आदेश से लेकर हर घर तिरंगा अभियान तक सियासत देखने को मिल रही है।
Raipur News, राष्ट्रध्वज फहराने को लेकर भी सियासी पार्टी आमने सामने हैं। अब वक्फ बोर्ड के आदेश को तो विपक्ष सियासी प्रोपेगंडा बता ही रहा है। भाजपा के हर घर तिरंगा अभियान पर भी पीसीसी चीफ दीपक बैज सवाल उठा रहे हैं। वे कहते हैं, तिरंगा तो सबके दिलों में है। भाजपा लोगों को तिरंगा बांटकर आखिर क्या साबित करना चाहती है।
वहीं हर घर तिरंगा अभियान को प्रोपेगेंडा बताने पर डिप्टी सीएम अरुण साव ने PCC चीफ दीपक बैज पर निशाना साधा है। साव ने कहा कि, दीपक बैज का यह बयान आज कांग्रेस किस दिशा में गई है उसको प्रमाणित करने वाला है। यह प्रमाणित होता है कि राहुल गांधी देश के हितों के विपरीत काम कर रहे हैं। कांग्रेस पार्टी देश के हितों के खिलाफ खड़ी हुई है। आज कांग्रेस पाकिस्तान, चीन के साथ खड़ी दिखती है। राष्ट्रीय ध्वज फहराने को जो प्रोपेगेंडा बोले इससे बड़ी दुर्भाग्यजनक बात नहीं हो सकती है। हमारे लिए तिरंगा आन- बान और शान है।
Raipur News, दूसरी ओर कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल वक्फ बोर्ड के आदेश का तो समर्थन करते हैं और कांग्रेस पर तंज कसते भी नजर आते हैं। वक्त बोर्ड के मस्जिद और मदरसों में तिरंगा फहराएं जाने के आदेश पर कैबिनेट मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा वक्फ बोर्ड के फैसले का मैं स्वागत करता हूं। कांग्रेस तिरंगे पर राजनीति न करें। तिरंगा हर संस्थानों पर फहराना चाहिए। हम कुछ करते हैं तो कांग्रेस को तकलीफ होती है।
बहरहाल इस सियासी वार पलटवार से अलग यही उम्मीद की जा सकती है कि सियासी चेहरे कम से कम राष्ट्रध्वज और राष्ट्रीय हितों से जुड़े विषय को तो सियासत का मुद्दा न बनाएं। तभी राष्ट्र से जुड़े गंभीर विषयों पर देश तिरंगे की छाया में एकजुट खड़ा हो पाएगा।