Bilaspur news: छत्तीसगढ़ में दिखा नए वक्फ कानून का असर! किराया नहीं देने वाले किराएदारों का पुराना एग्रीमेंट रद्द

Bilaspur news: छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज ने अब इस पर बड़ा एक्शन लिया है। सभी 42 किराएदारों का पुराना किराया एग्रीमेंट निरस्त कर दिया गया है। सरकारी गाइडलाइन के हिसाब से अब किराएदारों को नए एग्रीमेंट के साथ वर्तमान दर पर संपत्ति का किराया देना होगा।

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HIGHLIGHTS
  • 42 किराएदारों का पुराना किराया एग्रीमेंट निरस्त
  • 23 हजार की जगह बढ़कर 5 लाख 40 हजार आएगा किराया

बिलासपुर: Bilaspur news, छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड ने बड़ा कदम उठाते हुए बिलासपुर में वक्फ संपत्तियों का लंबे समय से किराया नहीं देने वालों पर कड़ी कार्रवाई की है। वक्फ बोर्ड ने 42 किराएदारों का पुराना किराया एग्रीमेंट निरस्त कर दिया है। अब सरकारी गाइडलाइन के हिसाब से किराएदारों को वर्तमान दर पर संपत्ति का किराया देना होगा। इसके साथ ही वक्फ बोर्ड ने पुराना किराया भी चार किस्तों में पटाने का निर्देश दिया है।

42 किराएदारों का पुराना किराया एग्रीमेंट निरस्त

दरअसल, प्रदेश सहित बिलासपुर में वक्फ बोर्ड की करोड़ों की संपत्ति है। कई जगहों पर वक्फ की संपत्तियों को दुकान बनाकर किराए पर दिया गया है। बिलासपुर शहर के चाटापारा क्षेत्र में ऐसे 42 किरायेदार हैं, जो 1974 से वक्फ की संपत्ति पर किराए पर हैं। लेकिन आज भी उनका किराया 20 रूपये से अधिकतम 400 रुपए तक ही है।

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज ने अब इस पर बड़ा एक्शन लिया है। सभी 42 किराएदारों का पुराना किराया एग्रीमेंट निरस्त कर दिया गया है। सरकारी गाइडलाइन के हिसाब से अब किराएदारों को नए एग्रीमेंट के साथ वर्तमान दर पर संपत्ति का किराया देना होगा।

23 हजार की जगह बढ़कर 5 लाख 40 हजार आएगा किराया

छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज ने बताया कि, इस कार्रवाई के बाद जहां सालाना किराया 23 हजार के आसपास आता था। वह अब बढ़कर 5 लाख 40 हजार के आसपास हो जाएगा। पैसे को समाज हित में खर्च किया जाएगा। संशोधित वक्फ बिल का उद्देश्य भी यही है कि, वक्फ की संपत्तियों का समाज हित में उपयोग हो, समाज को उसका लाभ मिले। जाहिर है कि नए वक्फ कानून का असर अब छत्तीसगढ़ में दिखाई देने लगा है।

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वक्फ बोर्ड ने बिलासपुर में किस प्रकार की कार्रवाई की है?

उत्तर: वक्फ बोर्ड ने बिलासपुर के 42 किराएदारों के पुराने किराया एग्रीमेंट रद्द कर दिए हैं। यह कदम उन लोगों पर उठाया गया है जो लंबे समय से बहुत कम किराया दे रहे थे या किराया नहीं दे रहे थे।

पुराने किराया एग्रीमेंट क्यों रद्द किए गए?

उत्तर: पुराने एग्रीमेंट 1974 से चल रहे थे, जिनमें किराया मात्र ₹20 से ₹400 तक था। अब सरकारी गाइडलाइन के अनुसार, नए एग्रीमेंट के तहत वर्तमान बाजार दर पर किराया लिया जाएगा, ताकि वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग हो सके।

क्या नए किराए के साथ पुराने बकाया किराए का भी भुगतान करना होगा?

उत्तर: हाँ, वक्फ बोर्ड ने निर्देश दिया है कि पुराना बकाया किराया चार किस्तों में चुकाना होगा।

नए किराया नियमों से कितनी आमदनी बढ़ेगी?

उत्तर: पहले जहां वक्फ संपत्तियों से सालाना ₹23,000 के करीब आमदनी होती थी, अब यह बढ़कर ₹5.4 लाख के आसपास हो जाएगी। यह राशि समाज कल्याण के कार्यों में खर्च की जाएगी।

नए वक्फ कानून का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर: संशोधित वक्फ कानून का उद्देश्य है कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग समाज हित में हो, और उनका विकास और संरक्षण हो सके। पुराने और अनुचित किराया समझौतों को समाप्त कर वर्तमान आर्थिक परिस्थितियों के अनुरूप उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है।