HODs of departments will change every two years in medical colleges
भोपाल। भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में डॉ. बाला सरस्वती सुसाइड और HOD पर प्रताड़ना के आरोपों के बाद नई व्यवस्था की गई है। प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में अब हर 2 साल में विभागों के HOD बदले जाएंगे। विभागाध्यक्ष का कार्यकाल अधिकतम 2 साल ही रहेगा।
जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान में कार्यरत HOD नियुक्ति की तारीख से 2 साल तक काम कर सकेंगे। डिपार्टमेंट के HOD का प्रभार रोटेशन वाइज बदला जाएगा। वहीं, नॉन मेडिकल पर्सन की पहले नियमों के अनुसार नियुक्ति नहीं हो सकेगी।
दरअसल, राजधानी भोपाल में स्थित गांधी मेडिकल कॉलेज में रविवार को एक जूनियर डॉक्टर बाला सरस्वती ने एनेस्थीसिया का ओवरडोज लेकर सुसाइड कर लिया था, जूनियर डॉक्टर आंध्रप्रदेश की रहने वाली थीं और उनके पति भी यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। वे जीएमसी से गायनी में पीजी कर रही थीं।
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