भोपाल, एक सितंबर (भाषा) मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सोमवार को भारतीय पंचांग और काल गणना को आधुनिक तकनीक से जोड़ने वाली विक्रमादित्य वैदिक घड़ी और इसके मोबाइल एप का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 189 से अधिक भाषाओं को समाहित किए इस ऐप के माध्यम से आमजन 7,000 वर्षों के पंचांग और दुर्लभ धार्मिक जानकारियां अत्यंत सुगमता से प्राप्त कर सकेंगे।
उन्होंने कहा, ‘काल गणना और वैदिक पद्धति हमारी वैज्ञानिक और सांस्कृतिक धरोहर है। अंग्रेजी तिथियां बदलती रहती हैं, लेकिन भारतीय पंचांग ऋतुओं और प्रकृति से जुड़ा हुआ है।’
यादव ने कहा कि सावन-भाद्रपद की वर्षा, क्वार-कार्तिक का ऋतु चक्र – सभी तिथि आधारित गणना का प्रमाण हैं।
उन्होंने कहा, ‘चंद्रमा और समुद्र के ज्वार-भाटा से लेकर मनुष्य के शरीर पर अमावस्या–पूर्णिमा का प्रभाव वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित है। भारतीय गणना पद्धति में दिन सूर्योदय से सूर्योदय तक माना जाता है, ना कि रात 12 बजे से।’
मुख्यमंत्री ने कहा कि 30 मुहूर्त, 24 घंटे और समय की संरचना भारतीय काल गणना की अद्वितीय प्रणाली है।
उन्होंने कहा, ‘हमारे यहां विचार व्यक्त करने और सत्य के आधार पर सुधार करने की स्वतंत्रता रही है, यही हमारी संस्कृति की ताकत है।’
मुख्यमंत्री ने मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन को भारत का काल गणना का केंद्र बताया और कहा कि यह खगोलीय दृष्टि से प्रमाणित भी है।
उन्होंने कहा, ‘पंचांग और वैदिक गणित की सटीकता को दुनिया भी स्वीकार कर रही है, कंप्यूटर जहां असफल हो जाए वहां हमारे ज्योतिषी सही उत्तर दे सकते हैं।’’
यादव ने कहा कि मुहूर्त का अर्थ केवल शुभ-अशुभ नहीं, बल्कि जीवन प्रबंधन और प्रकृति के अनुकूल आचरण भी है।
राजधानी भोपाल में वैदिक घड़ी लगाए जाने का उल्लेख करते हुए यादव ने कहा कि यह भारत के गौरवशाली इतिहास को वर्तमान और भविष्य से जोड़ने का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने वैदिक घड़ी और ऐप के निर्माण के लिए उच्च शिक्षा विभाग और संस्कृति विभाग की सराहना करते हुए कहा कि पहले समय पश्चिम का था और अब पूर्व का समय आया है।
उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत का मान–सम्मान दुनिया में बढ़ा है। मोदी सरकार ने योग को वैश्विक स्तर पर स्थापित किया, इसरो में वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया और कठोर कानूनों व नैतिक राजनीति का मार्ग प्रशस्त किया।’
उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य का सुशासन और मोदी के नेतृत्व में चल रहा सुशासन, दोनों भारत के स्वर्णिम अध्याय हैं। इससे पहले एक अधिकारी ने बताया कि वैदिक घड़ी के माध्यम से समय के साथ-साथ पंचांग, तिथि, नक्षत्र, योग, वार, मास, व्रत और त्योहारों की जानकारी भी उपलब्ध होगी।
उन्होंने दावा किया कि यह वैदिक घड़ी भारतीय काल गणना पर आधारित है और यह विश्व की पहली घड़ी है। उन्होंने बताया कि विक्रमादित्य वैदिक घड़ी के मोबाइल ऐप में 3179 विक्रम पूर्व (श्रीकृष्ण के जन्म), महाभारत काल से लेकर 7000 से अधिक वर्षों के पंचांग, तिथि, नक्षत्र, योग, करण, वार, मास, व्रत एवं त्योहारों की दुर्लभ जानकारियां समाहित की गई हैं।
इसमें धार्मिक कार्यों, व्रत और साधना के लिए 30 अलग-अलग शुभ मुहूर्तों की जानकारी और अलार्म की सुविधा भी है।
भाषा ब्रजेन्द्र संतोष
संतोष