भोपालः Justice for Shiv Bhopal में पन्ना जिले के छात्र शिव कुमार त्रिवेदी की मौत को लेकर अब मध्यप्रदेश में सियासत गरमाने लगी है। इस मामले को लेकर प्रदेश के कई नेताओं का बयान सामने आया है। इसी बीच अब मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव ने भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने ट्वीटर पर लिखा कि भाजपा के राज में छात्र सुरक्षित नहीं है। अब उत्तरप्रदेश पुलिस का जघन्य चेहरा सामने आया है। मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के ग्राम ब्रजपुर के रहने वाले शिव बीएचयू में पढ़ाई कर रहा था। 2 वर्ष पहले पुलिस उसे उठा ले जाती है। उसके परिजन गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराते है।
इस मामले में पुलिस की भूमिका को संदेहास्पद बताते हुए उन्होंने कहा कि 2 साल पता चला है कि शिव की मौत हो चुकी है। इस पूरी घटना में पुलिस की भूमिका संदेहास्पद है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे, शिव तो कभी वापिस नहीं आ पाएगा मगर उसके हत्यारों को सज़ा मिलना चाहिए। जिससे उसकी आत्मा को शांति मिल सके।
अब 2 साल पता चला है कि शिव की मौत हो चुकी है, इस पूरी घटना में पुलिस की भूमिका संदेहास्पद है।
ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दे, शिव तो कभी वापिस नहीं आ पाएगा मगर उसके हत्यारों को सज़ा मिलना चाहिए, जिससे उसकी आत्मा को शांति मिल सके।@INCIndia @INCMP @OfficeOfKNath— Arun Subhash Yadav 🇮🇳 (@MPArunYadav) April 27, 2022
बता दें कि आईबीसी24 पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए मुहिम शुरू की है, आईबीसी24 की टीम मामले की तफ्तीश करने के लिए वाराणसी पहुंच चुकी है। आखिर शिव त्रिवेदी की मौत का सच क्या है यह जानने का प्रयास किया जा रहा है, मामले में पुलिस की भूमिका संदिग्ध रही है।
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गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के पन्ना जिले के छात्र शिव कुमार त्रिवेदी बीएचयू से बीएससी सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रहे थे। 12 फरवरी की रात बीएचयू कैंपस में साथियों के साथ टहलने निकला था। लेकिन कोरोना काल में लगे लॉकडाउन के दौरान डायल 112 की गाड़ी शिवकुमार को उठाकर ले गई। लेकिन पुलिस उसे अपने साथ ले जाने की बात से मना करती रही, ज्यादा दबाव पर पुलिस ने कहा कि वे शिव कुमार को अपने साथ लाए थे, लेकिन फिर उसे छोड़ दिया था. पिता लगातार संपर्क की कोशिश करते रहे। पिता जब बीएचयू पहुंचे तो पता चला कि कई दिनों से वो कैम्पस नहीं आया। शिव के पिता प्रदीप त्रिवेदी ने गुमशुदगी की रिपोर्ट लंका थाने में लिखाई। शिव के पिता प्रदीप ने अपने बेटे के न मिलने तक नंगे पांव ही रहने का संकल्प लिया था, इस मामले में सीएम योगी ने जांच सीबीसीआईडी को सौंपी थी।
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इस पूरे मामले की जांच आईपीएस सुनीता सिंह की अगुवाई वाली टीम कर रही है, याचिकाकर्ता के वकील सौरभ तिवारी ने छात्र की बरामदगी को लेकर जनहित याचिका पत्र दाखिल की है, ये सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और जस्टिस पीयूष अग्रवाल की डिवीजन बेंच ने की।