Gwalior Body Donation: पति-पत्नी ने साथ मिलकर पेश की मिसाल, देहदान पर पांचोबाई को दी गई अंतिम सलामी, सीएम के आदेश का हुआ पालन

Gwalior Body Donation: पति-पत्नी ने साथ मिलकर पेश की मिसाल, देहदान पर पांचोबाई को दी गई अंतिम सलामी, सीएम के आदेश का हुआ पालन Gwalior News

  • Reported By: Nasir Gouri

    ,
  •  
  • Publish Date - July 21, 2025 / 03:25 PM IST,
    Updated On - July 21, 2025 / 03:25 PM IST

Gwalior Body Donation/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • ग्वालियर देहदान में बना मिसाल,
  • पांचोबाई को मिला गार्ड ऑफ ऑनर,
  • पति-पत्नी दोनों ने किया देहदान,

ग्वालियर: Gwalior News:  ग्वालियर शहर देहदान के क्षेत्र में लगातार मिसाल पेश कर रहा है। हाल ही में शहर की रहने वाली 78 वर्षीय पांचोबाई के निधन के बाद उनके पार्थिव शरीर को मेडिकल रिसर्च और शिक्षा के लिए गजराराजा मेडिकल कॉलेज को सौंपा गया। इस पुण्य कार्य को सम्मान देते हुए ग्वालियर पुलिस ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया। Gwalior Body Donation

Read More : हम पढ़ने आते हैं, पिटने नहीं! प्राचार्य की मारपीट का वीडियो वायरल, छात्राएं बोलीं- अब स्कूल नहीं आएंगे

Gwalior Body Donation: ग्वालियर के सुरेश नगर थाटीपुर के रहने वाली 78 साल की पांचो बाई का देर रात निधन हो गया था। उनका पार्थिव शरीर को गजराराजा मेडिकल कॉलेज को सौंपा गया। पांचो बाई के बेटे पेशे से शिक्षक है। उन्होंने मां के निधन और देहदान की जानकारी पुलिस को दी। इसके बाद थाटीपुर थाने से पुलिस की टीम मौके पर पहुंची। फिर पांचो बाई के पार्थिव देह को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मान दिया गया। बाइट- देवेंद्र राजौरिया, पांचों का बेटा, कैप लगाया हुआ है वीओ-2 ग्वालियर की रहने वाली पांचों बाई के परिवार ने उनकी डॉडी GRMC को सौंपी है।

Read More : सावन में नाग-नागिन का वायरल प्रेम दर्शन! आधे घंटे तक दिखा अद्भुत नज़ारा, लोग बोले- ये तो चमत्कार है

Gwalior Body Donation: इससे पहले पांचोबाई के पति बाबूलाल जाटव ने भी देहदान किया था। बाबूलाल का पार्थिव देह 17 नवंबर 2024 को GRMC को मिला था। पति और पत्नी ने देहदान कर अब समाज में एक मिसाल पेश की है। जीआरएमसी में इस साल का 19 वां और अब तक का 57वां देहदान हुआ है। बात दें की ग्वालियर में ये पहली बार है जब ग्वालियर जिले में पति और पत्नी ने संयुक्त रूप से देहदान किया है। पांचो बाई के पति बाबूलाल राजौरिया ने भी 17 नवंबर 2024 को मेडिकल कॉलेज में देहदान किया था। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने ऐलान किया था कि देह यानि की बॉडी के अंगदान करने वालों को गार्ड ऑफ ऑनर मिलेगा। इसके साथ ही परिवार का भी सम्मान होगा। मोहन सरकार के फैसले के बाद पांचोबाई को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया है।

"देहदान क्या है और इसके लिए कैसे रजिस्ट्रेशन करें?"

"देहदान क्या है" यह समझने के लिए जान लें कि यह एक ऐसा संकल्प है जिसमें व्यक्ति अपनी मृत्यु के बाद शरीर को मेडिकल अध्ययन और रिसर्च के लिए समर्पित करता है। रजिस्ट्रेशन के लिए नजदीकी मेडिकल कॉलेज या NGO से संपर्क किया जा सकता है।

क्या "देहदान करने वालों को गार्ड ऑफ ऑनर" मिलता है?

जी हां, "देहदान करने वालों को गार्ड ऑफ ऑनर" देने की पहल मध्यप्रदेश सरकार ने की है। यह सम्मान उस व्यक्ति की समाज के प्रति निस्वार्थ सेवा को दर्शाता है।

"पति-पत्नी द्वारा संयुक्त देहदान" क्या सामान्य है?

"पति-पत्नी द्वारा संयुक्त देहदान" अब भी बहुत दुर्लभ है। ग्वालियर में पांचोबाई और उनके पति बाबूलाल का देहदान पहला ऐसा मामला है जिसने समाज में एक प्रेरणादायक मिसाल कायम की है।

"देहदान से मेडिकल छात्रों को क्या लाभ होता है?"

"देहदान से मेडिकल छात्रों को" शरीर रचना विज्ञान, सर्जरी प्रशिक्षण, और बीमारियों की जानकारी के लिए वास्तविक अभ्यास का अवसर मिलता है, जिससे वे भविष्य में बेहतर चिकित्सक बनते हैं।

क्या "देहदान करने के लिए उम्र सीमा" होती है?

"देहदान करने के लिए उम्र सीमा" नहीं होती, लेकिन व्यक्ति की शारीरिक स्थिति और मेडिकल इतिहास को कॉलेज द्वारा जांचा जाता है कि शरीर अध्ययन के योग्य है या नहीं।