Indian Monalisa Security : कड़े पहरे में रहती है वर्ल्ड फेमस इंडियन मोनालिसा, खूबसूरती देख मन हो जाएगा गदगद, जानिए शाल भंजिका का अद्भुत रहस्य

कड़े पहरे में रहती है वर्ल्ड फेमस इंडियन मोनालिसा...Indian Monalisa Security: World famous Indian Monalisa remains under strict guard

  • Reported By: Nasir Gouri

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  • Publish Date - February 21, 2025 / 02:42 PM IST,
    Updated On - February 21, 2025 / 02:45 PM IST

Indian Monalisa Security | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • 10वीं शताब्दी की एक दुर्लभ और अनमोल पत्थर की मूर्ति
  • मनमोहक मुस्कान और त्रिभंग मुद्रा के कारण कहा जाता है "इंडियन मोनालिसा"
  • शाल भंजिका की ख्याति अंतरराष्ट्रीय स्तर पर

ग्वालियर : Indian Monalisa Security : ग्वालियर किले में स्थित राज्य पुरातत्व संग्रहालय के गूजरी महल में सुरक्षित, भारतीय कला की एक अनमोल धरोहर शाल भंजिका को “वर्ल्ड फेमस इंडियन मोनालिसा” कहा जाता है। इस ऐतिहासिक मूर्ति की दुर्लभता और अद्वितीय सौंदर्य इसे दुनियाभर में प्रसिद्ध बनाता है। इसकी मुस्कान लिओनार्दो दा विंची की मोनालिसा जैसी रहस्यमयी मानी जाती है। यह 10वीं शताब्दी की एक दुर्लभ पत्थर की मूर्ति है, जो विदिशा जिले के ग्यारसपुर गांव में खुदाई के दौरान प्राप्त हुई थी। इसकी लोकप्रियता और ऐतिहासिक महत्व के कारण इसे उच्चतम सुरक्षा में रखा गया है।

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शाल भंजिका: एक अनूठी मूर्ति

Indian Monalisa Security : शाल भंजिका को संस्कृत में “साल वृक्ष की टूटी हुई शाखा” कहा जाता है। यह त्रिभंग मुद्रा में खड़ी एक महिला की अद्वितीय मूर्ति है, जिसमें सौंदर्य, शालीनता और कला का अद्भुत समावेश देखने को मिलता है। यह विशेष शारीरिक मुद्रा भारतीय मूर्तिकला में अत्यधिक प्रसिद्ध है, जिसमें शरीर को तीन अलग-अलग बिंदुओं पर झुकाया गया होता है, जिससे मूर्ति अत्यंत आकर्षक और जीवंत प्रतीत होती है। मूर्ति की कोमल विशेषताएं, उसकी अलंकरणयुक्त वेशभूषा और मनमोहक मुस्कान इसे देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं। यह मूर्ति भारत की प्राचीन कला और संस्कृति का एक उत्कृष्ट उदाहरण है, जो 10वीं शताब्दी के कला कौशल को प्रदर्शित करती है।

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शाल भंजिका की सुरक्षा व्यवस्था

Indian Monalisa Security :  इस दुर्लभ मूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इसे तीन तालों और दो बंद दरवाजों में कैद रखा गया है। मूर्ति की रक्षा के लिए 1-4 गार्ड की सुरक्षा तैनात की गई है। पुरातत्व विभाग की देखरेख: इस ऐतिहासिक धरोहर को सुरक्षित रखने के लिए पुरातत्व विभाग के अधिकारी निरंतर इसकी निगरानी करते हैं। पर्यटकों के लिए विशेष व्यवस्था: केवल विशेष अनुमति प्राप्त पर्यटक ही इस मूर्ति को देख सकते हैं, और इसे देखने के लिए पहले से तय प्रक्रिया का पालन करना होता है।

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वैश्विक पहचान और सम्मान

Indian Monalisa Security :  शाल भंजिका की ख्याति न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी है। इसकी लोकप्रियता को देखते हुए, भोपाल में आयोजित होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में दुनिया के बड़े बिजनेसमैन जैसे अंबानी, अडानी, बिड़ला को इसकी प्रतिकृति भेंट की जाएगी। यह मूर्ति भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और कला की उत्कृष्टता का प्रतीक है।

"शाल भंजिका" कौन थी और इसे "इंडियन मोनालिसा" क्यों कहा जाता है?

शाल भंजिका 10वीं शताब्दी की एक दुर्लभ और अनमोल पत्थर की मूर्ति है, जिसे उसकी मनमोहक मुस्कान और त्रिभंग मुद्रा के कारण "इंडियन मोनालिसा" कहा जाता है।

"शाल भंजिका" की मूल मूर्ति कहां रखी गई है?

इसे ग्वालियर किले के गूजरी महल संग्रहालय में अत्यधिक सुरक्षा के बीच रखा गया है।

क्या आम लोग "शाल भंजिका" की मूर्ति देख सकते हैं?

हां, लेकिन इसके लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है। इसे सुरक्षा कारणों से केवल निर्धारित समय पर ही प्रदर्शित किया जाता है।

"शाल भंजिका" का महत्व क्या है?

यह भारतीय मूर्तिकला की उत्कृष्ट कृति है और भारत की प्राचीन कला एवं संस्कृति का एक बेहतरीन उदाहरण है। इसकी विश्व स्तर पर भी प्रशंसा की जाती है।

"शाल भंजिका" की प्रतिकृति कहां-कहां प्रदर्शित की जाती है?

इसे विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कला प्रदर्शनियों में दिखाया गया है, और ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जैसी महत्वपूर्ण बैठकों में भी इसकी प्रतिकृति भेंट की जाती है।