भोपाल। Shivraj Singh Chouhan भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल के नेता इस मुद्दे पर दमदार तरीके से कुछ नहीं बोल पा रहे। बीजेपी से तो गाहेबगाहे CM शिवराज का नाम सामने आता रहता है लेकिन कांग्रेस के अलग-अलग नेता इस मामले में अलग ही बयान देते रहते हैं। CM के चेहरे का ऐलान करने या नहीं करने से चुनाव में क्या फायदा या नुकसान हो सकता है और सियासी दलों का अंदरुनी समीकरण क्या है।
Shivraj Singh Chouhan मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 की बिसात बिछ चुकी है और मोहरों की सजावट भी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री का चेहरा कौन होगा, इस सवाल में करीब सबकी दिलचस्पी है। CM शिवराज सिंह चौहान चार बार कुर्सी संभाल चुके हैं और पांचवी पारी की तैयारी में जुटे हैं। पार्टी की ओर से सीएम फेस को लेकर कोई आधिकारिक घोषणा भले ही ना हुई हो लेकिन कई बीजेपी नेता उनके नाम को लेकर आश्वसत नजर आ रहे हैं।
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मध्यप्रदेश की दूसरी प्रमुख पार्टी कांग्रेस भी पूरे जोरशोर से चुनावी तैयारी में जुटी हुई है लेकिन सीएम फेस को लेकर अलग अलग मंचों से अलग अलग बयान आ रहे हैं। अब कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी ने कहा है कि चुनाव तो कमलनाथ के नेतृत्व में ही लड़ा जाएगा लेकिन CM हाईकमान तय करेंगे। बीजेपी को इस पर चुटकी लेने का मौका मिल गया है।
सवाल है कि चेहरा सामने रख कर चुनाव में उतरने से किसे फायदा होगा? चेहरे से होने वाले नफा-नुकसान के गणित को राजनीतिक दल बेहतर समझते हैं, इसलिए वक्त आने पर ही पत्ता खुलेगा.. लेकिन कहीं ऐसा न हो कि एक पार्टी गणित में उलझी रहे और बाजी कोई और मार ले जाए।