मप्र व्यापमं घोटाला : CBI ने 160 और आरोपियों के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने वर्ष 2013 के प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) में धांधली करने के आरोप में 160 और आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया है। आरोपियों में प्रदेश के तीन निजी मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष भी शामिल हैं। इसके साथ ही इस मामले में अब तक कुल 650 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र विशेष अदालत में दाखिल किया जा चुके हैं।

  •  
  • Publish Date - February 18, 2022 / 12:32 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:49 PM IST

mp vyapam

MP Vyapam scam

भोपाल, 18 फरवरी । केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने वर्ष 2013 के प्री-मेडिकल टेस्ट (पीएमटी) में धांधली करने के आरोप में 160 और आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया है। आरोपियों में प्रदेश के तीन निजी मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष भी शामिल हैं। इसके साथ ही इस मामले में अब तक कुल 650 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र विशेष अदालत में दाखिल किया जा चुके हैं।

read more: ‘मेरा रेप किया..न्यूड फोटो वायरल करने की देता है धमकी’…सुसाइड नोट लिख 10वीं की छात्रा ने की आत्महत्या

सीबीआई के विशेष अभियोजक सतीश दिनकर ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि व्यापमं से संबंधित मामलों की सुनवाई कर रहे न्यायाधीश नीतिराज सिंह सिसोदिया की विशेष अदालत में बृहस्पतिवार को 160 नए आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किए गए हैं। आरोपियों में मध्य प्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के पूर्व परीक्षा नियंत्रक पंकज त्रिवेदी और राज्य चिकित्सा शिक्षा निदेशालय (डीएमई) के दो अधिकारी भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि चिरायु मेडिकल कॉलेज (भोपाल) के अध्यक्ष अजय गोयनका, पीपुल्स मेडिकल कॉलेज (भोपाल) के अध्यक्ष एस एन विजयवर्गीय और इंडेक्स मेडिकल कॉलेज ( इंदौर) के सुरेश सिंह भदौरिया के खिलाफ भी आरोप पत्र दाखिल किया गया है।

सीबीआई ने पहले बताया था कि नकल करने के लिए परीक्षा में नए तरीके जिसे ‘इंजन-बोगी’ तरीका कहा जाता है, अपनाया जाता था। इसके तहत बुद्धिमान छात्र को परीक्षा हाल में कतार में आगे बैठाया जाता था जबकि नकल करने वालों को उसके पीछे बैठाया जाता था।

read more: सुबह होते ही भूकंप से हिली धरती, दहशत में घरों से बाहर निकले लोग

दिनकर ने कहा कि 56 उम्मीदवारों को ‘बोगी’ तथा 46 ‘इंजन’ छात्रों के लिखाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया। इसके अलावा चिकित्सा पाठ्यक्रम के अभ्यर्थियों के 13 अभिभावकों तथा नौ बिचौलियों को भी आरोपी बनाया गया है। दिनकर ने कहा कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर आरोपियों को अदालत में अलग अलग बैच में पेश करने को मंजूरी दी गई है। आरोपियों को 22 फरवरी से 12 मार्च के बीच कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार के पालन के साथ अदालत में पेश किया जाएगा। उन्होंने कहा कि आरोप पत्र की प्रतियां आरोपियों के खिलाफ आरोप तय होने से पहले उन्हें सौंपी जाएंगी।

करोड़ों रुपए का व्यापमं घोटाला 2013 में सामने आया था। इसमें उम्मीदवारों ने अपनी उत्तर पुस्तिकाओं को लिखने के लिए बिचौलियों के जरिए अधिकारियों को रिश्वत दी और परीक्षा में धांधली की। यह घोटाला 1995 में शुरु हुआ जिसमें राजनेता, वरिष्ठ अधिकारी और व्यवसायी शामिल थे। सीबीआई ने 2015 में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद जांच अपने हाथ में ली थी।