Planning of Jyotiaditya Scindia's Neo Metro Rail Project
Jyotiaditya Scindia’s Neo Metro Rail Project: ग्वालियर। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल संभाग के सियासी गलियारों में खबर है। अब उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया लोकसभा चुनाव में फिर से अपनी चुनावी पारी ग्वालियर लोकसभा सीट से खेलना चाहते है। ऐसे में सिंधिया ग्वालियर में बड़े-बड़े प्रोजेक्ट लाकर अपना लोह मनवा रहे है। वहीं केंद्र सरकार और राज्य सरकार के बड़े प्रोजेक्टों के साथ अब सिंधिया ग्वालियर शहर में नियो मेट्रो रेल चलाने की डीपीआर बनवा रहे है, तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के विधायक इस पर चुटकी ले रहे है।
ग्वालियर में सिटी ट्रांसपोर्ट सिस्टम के लिए शहर में नियो मेट्रो रेल चलाने की प्लानिंग की जा रही है। इसके लिए फिलहाल दो रूट तय किए गए हैं। जल्द ही इसे स्वीकृत कराया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का कहना है कि भिंड रोड से गुप्तेश्वर पहाड़ी और एबी रोड से पड़ाव चौराहे तक के रूट तय किए गए हैं। साथ ही हेरिटेज कोच को लेकर रेलवे से बातचीत हो रही है। जो कोच अभी सुरक्षित बचे हैं उन्हें लेकर मोतीझील से आगे के रूट पर हेरिटेज ट्रेन चलाने पर भी विचार चल रहा है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया नियो मेट्रो रेल का ऐसी डीपीआर बना रहे है। पहला रूट- भिंड रोड से एयरपोर्ट, पिंटोपार्क, गोले का मंदिर, रेलवे स्टेशन, फूलबाग, स्वर्ण रेखा नाला, बीजेएस कॉलेज होते हुए गुप्तेश्वर पहाड़ी तक। इसकी लंबाई लगभग 23 किलोमीटर होगी और इस पूरे रूट में 18 से 32 मीटर तक की सड़क मिलेगी। इस रूट पर नियो रेल 5 लाख 10 हजार 144 लोगों की आबादी को कवर करेगी और पूरे रूट में 18 पुल बनेंगे।
दूसरा रूट- एबी रोड से चार शहर का नाका, तानसेन नगर, लोको होते हुए पड़ाव चौराहे तक का यह रूट 4.30 किलोमीटर का है, जिसमें नियो रेल करीब 1 लाख 27 हजार 439 लोगों की आबादी को कवर करेगी और इस रूट पर 2 पुल बनाए जाएंगे। वहीं उड्डयन मंत्री की डीपीआर तैयार है। रेल मंत्री से लेकर सूबे के मुखिया शिवराज सिंह चौहान से भी डीपीआर पर चर्चा हो चुकी है। कहा जा रहा है, इस पर चुनाव से पहले हर झंड़ी मिल सकती है।
Jyotiaditya Scindia’s Neo Metro Rail Project: वहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस प्रोजेक्ट पर कांग्रेस विधायक सतीश सिकरवार तंज कस रहे है, वे कह रहे है… सिंधिया तो उड्डयन मंत्री है, उन्हें तो हेलीकॉप्टपर चलवाना चाहिए। बहरहाल रेलवे के जानकारों के अनुसार ओवरहेड मैट्रो एक किलोमीटर बनाने पर करीब 350 करोड़ रुपए की लागत आती है। अंडर ग्राउंड चलाने पर एक किलो मीटर पर 600 से 800 करोड़ रुपए और जमीन पर एक किलो मीटर पर 200 करोड़ रुपए की लागत आती है। मेट्रो लाइट 40 फीसदी और मेट्रो नियो में 20 फीसदी ही लागत आती है। ऐसे में ये प्रोजेक्ट बहत बड़ा है। अगर इस प्रोजेक्ट को रेल मंत्रालय से हरी झंड़ी मिल जाती है, ग्वालियर का ट्रांसपोर्ट सिस्टम सुधर जायेगा।