Eurasian Griffon Vulture 'Marich' || Image- ISTOCK FILE
Eurasian Griffon Vulture ‘Marich’: विदिशा: इस साल मार्च में मध्यप्रदेश के विदिशा जिले के हलाली बांध से उड़ान भरने वाला यूरेशियन ग्रिफॉन गिद्ध ‘मारीच’ 15,000 किलोमीटर की यात्रा पूरी करके सुरक्षित भारत लौट आया है। एक वन अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
विदिशा के संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) हेमंत यादव ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि यह पक्षी पाकिस्तान, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान और कजाकिस्तान की यात्रा करने के बाद लौटा है। वन विभाग ‘सैटेलाइट रेडियो कॉल” से इसकी गतिविधियों पर नजर रख रहा है। डीएफओ ने कहा कि ‘ट्रैकिंग’ से गिद्धों के प्रवास और संरक्षण के बारे में जानकारी मिलती है और मारीच की हर गतिविधि पर नज़र रखी जा रही है।
ये है यूरेशियन ग्रिफिन गिद्ध। नाम है मारीच। इसने 29 मार्च को MP के विदिशा से उड़ान भरी। इस दौरान ये गिद्ध पाकिस्तान, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान, कजाकिस्तान होता हुआ निकला। अब ये पुन: भारत में धौलपुर (राजस्थान) पहुंच गया है। वन विभाग ने इसे सैटेलाइट रेडियो कॉलर से वॉच किया।
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— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) November 19, 2025
Eurasian Griffon Vulture ‘Marich’: यादव ने बताया कि यह पक्षी 29 जनवरी को सतना जिले के नागौर गांव में घायल अवस्था में पाया गया था। पहले मुकुंदपुर चिड़ियाघर और फिर भोपाल वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में इसका इलाज किया गया। दो महीने बाद 29 मार्च को इसे टैग लगाकर हलाली बांध से छोड़ा गया। एक विशेषज्ञ ने बताया कि ये पक्षी मृत पशुओं को खाते हैं, सड़ते हुए शवों से होने वाली बीमारियों को फैलने से रोकते हैं और पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण में मदद करते हैं, जिससे मिट्टी और पानी की गुणवत्ता में सुधार होता है।
यूरेशियन ग्रिफॉन गिद्ध यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और एशिया के पहाड़ी, शुष्क क्षेत्रों में पाया जाता है। यह आमतौर पर 95 से 110 सेंटीमीटर लंबा होता है। इनके पंखों का फैलाव 2.5 से 2.8 मीटर तक होता है जबकि वजन 6 से 11 किलोग्राम होता है। विशेषज्ञ ने बताया कि यह गर्म हवा के झोंकों में घंटों उड़ सकता है।