धनगर समुदाय के लिए एसटी दर्जे की मांग कर रहे कार्यकर्ता ने अनशन समाप्त करने से इनकार किया
धनगर समुदाय के लिए एसटी दर्जे की मांग कर रहे कार्यकर्ता ने अनशन समाप्त करने से इनकार किया
जालना, 28 सितंबर (भाषा) धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मांग को लेकर जालना में 12 दिन से अनशन कर रहे कार्यकर्ता दीपक बोरहाडे ने रविवार को कहा कि जब तक महाराष्ट्र सरकार उनकी मांगों के बारे में लिखित आश्वासन नहीं देती, तब तक उनका विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा।
दिन में विधायक अर्जुन खोतकर और नारायण कुचे ने बोरहाडे को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से बातचीत के लिए निमंत्रण पत्र सौंपा, लेकिन कार्यकर्ता ने इसे अस्वीकार कर दिया।
बोरहाडे ने कहा, “पत्र में दिए गए आश्वासन में समुदाय की उम्मीदों के हिसाब से संशोधन किया जाना चाहिए।”
खोतकर ने संवाददाताओं से कहा, “बोरहाडे ने लिखित आश्वासन में संशोधन की मांग की है। उन्होंने हमें अपना पक्ष लिखित में दिया है, जिसे हम मंत्री गिरीश महाजन को सौंपेंगे।”
शनिवार को जालना की प्रभारी मंत्री पंकजा मुंडे, महाजन, खोतकर और जिलाधिकारी आशिमा मित्तल ने बोरहाडे से मुलाकात कर उनसे अपना अनशन समाप्त करने की अपील की थी।
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री फडणवीस ने बोरहाडे से फोन पर बात की और उन्हें बातचीत के लिए मुंबई आमंत्रित किया।
फडणवीस ने बोरहाडे से कहा था कि धनगर समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का अधिकार पूरी तरह से केंद्र के पास है और राज्य सरकार इस संबंध में केंद्र के साथ बातचीत करेगी तथा उसे एक प्रस्ताव भेजेगी।
उन्होंने कहा था, “यह एक संवैधानिक मामला है और मराठा आरक्षण के मुद्दे से अलग है। केवल केंद्र को ही अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने का अधिकार है।”
फडणवीस ने कहा था कि मुंबई उच्च न्यायालय ने फरवरी 2024 में ऐसे ही अनुरोध वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
उन्होंने बोरहाडे को बातचीत के लिए मुंबई आमंत्रित करते हुए कहा, “यह मुद्दा अनशन और विरोध-प्रदर्शन से हल नहीं होगा। इसे बातचीत के जरिये सुलझाना होगा।”
भाषा पारुल नरेश
नरेश

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