हाईकोर्ट ने राजधानी में इन मकानों के निर्माण पर लगाई रोक, सामने आई ये बड़ी वजह

High court ban on houses in Amravati: राजधानी क्षेत्र के आर-5 जोन में गरीब लोगों के लिए मकानों के निर्माण पर रोक लगा दी।

  •  
  • Publish Date - August 3, 2023 / 08:13 PM IST,
    Updated On - August 3, 2023 / 10:54 PM IST

High court ban on houses in Amravati

High court ban on houses in Amravati : अमरावती। आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने गुरुवार को अमरावती राजधानी क्षेत्र के आर-5 जोन में गरीब लोगों के लिए मकानों के निर्माण पर रोक लगा दी, जो युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के नेतृत्व वाली सरकार के लिए एक बड़ा झटका है। न्यायमूर्ति डीवीएसएस सोमयाजुलु, न्यायमूर्ति चीकाती मानवेंद्रनाथ रॉय और न्यायमूर्ति रविनाथ तिलहर की तीन न्यायाधीशों वाली पीठ ने आदेश दिया कि मौजूदा परिस्थितियों में इस क्षेत्र में आगे निर्माण उचित या न्यायोचित नहीं होगा।

read more : Namrita Malla Sexy Video: नम्रता मल्ला के इस सेक्सी वीडियो ने किया फैंस को मदहोश, अकेले में ही देखें यह डांस 

High court ban on houses in Amravati : आंध्र प्रदेश सरकार ने गरीबों के लिए आवास भूखंड उपलब्ध कराने और वहां मकान निर्माण को लेकर आर-5 जोन बनाने के उद्देश्य से राजधानी क्षेत्र विकास प्राधिकरण (सीआरडीए) अधिनियम में संशोधन किया था। लेकिन किसानों के एक समूह, नीरुकोंडा और कुरागल्लू किसान कल्याण संघ ने आर-5 जोन निर्माण के खिलाफ याचिका दायर कर दी। गुरुवार को जारी स्थगन आदेश में कहा गया, “मामले को ध्यान में रखते हुए अदालत की राय है कि व्यापक जनहित में फिलहाल आर-5 जोन में मकानों का निर्माण ठीक नहीं है।

read more : Delhi Service Bill : AAP सांसद संदीप पाठक ने भी लगाईं मोदी सरकार को लताड़, कहा पहली बार पलटा गया सुप्रीम कोर्ट का फैसला..

पीठ ने कहा कि जिन लोगों ने आर-5 जोन में मकानों के निर्माण को चुनौती दी है उनकी लंबित याचिकाओं पर अदालतों और उच्चतम न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के आधार पर आगे कदम उठाए जा सकते हैं। 24 जुलाई को बड़े जोर शोर से मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) – वाईएसआर बीएलसी (यू) योजना के तहत 1,830 करोड़ रुपये की लागत से गुंटूर जिले के कृष्णयापलेम लेआउट में 50,793 घरों की नींव रखी थी। मंगलागिरी और ताड़ीकोंडा विधानसभा क्षेत्रों में स्थित इन घरों का निर्माण सीआरडीए क्षेत्र में 1,400 एकड़ में किया जाना था। उच्च न्यायालय की अंतरिम रोक के साथ ही ये सारी गतिविधि रुक गई हैं।

 

और भी लेटेस्ट और बड़ी खबरों के लिए यहां पर क्लिक करें