आंध्र प्रदेश कौशल विकास घोटाला: सीआईडी की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई |

आंध्र प्रदेश कौशल विकास घोटाला: सीआईडी की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई

आंध्र प्रदेश कौशल विकास घोटाला: सीआईडी की याचिका पर मंगलवार को सुनवाई

:   Modified Date:  March 11, 2023 / 04:49 PM IST, Published Date : March 11, 2023/4:49 pm IST

अमरावती (आंध्र प्रदेश), 11 मार्च (भाषा) आंध्र प्रदेश कौशल विकास निगम घोटाले के आरोपी जी वी एस भास्कर को भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो (एसीबी) की अदालत द्वारा रिहा किए जाने से राज्य पुलिस अपराध जांच विभाग (सीआईडी) को लगे झटके के बाद दायर नियमित समय से पहले सुनवाई (लंच मोशन) संबंधी उसकी याचिका पर उच्च न्यायालय मंगलवार को फिर से सुनवाई करेगा। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।

अधिकारी ने बताया कि विजयवाड़ा में एसीबी की अदालत ने भास्कर की हिरासत को खारिज करते हुए उसे फिलहाल के लिए रिहा कर दिया और कहा कि अभियोजन ने दंडात्मक धाराओं को गलत तरीके से लागू किया, जिसके बाद सीआईडी ने उसे शुक्रवार को रिहा कर दिया।

सीआईडी ने धन की कथित हेराफेरी को लेकर भास्कर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 409 के तहत मामला दर्ज किया था। इस धारा के तहत आरोप साबित होने पर 10 साल कारावास की सजा हो सकती है।

इस घटनाक्रम के मद्देनजर सीआईडी ने शुक्रवार को उच्च न्यायालय में नियमित समय से पहले सुनवाई के लिए याचिका दायर की। अदालत ने इस याचिका को स्वीकार कर लिया गया और मामले की सुनवाई उस दिन अपराह्न साढ़े चार बजे तक जारी रही।

इसके बाद अदालत ने आरोपी भास्कर को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी। सीआईडी ने तर्क दिया कि आरोपी को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ करना आवश्यक है।

सीमेंस इंडस्ट्रियल सॉफ्टवेयर के एक पूर्व कर्मचारी भास्कर को 2014 और 2019 के बीच तत्कालीन तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) सरकार के दौरान हुए कौशल विकास कार्यक्रम घोटाले में कथित भूमिका के लिए नोएडा से गिरफ्तार किया गया था और राज्य लाया गया था।

अधिकारी ने कहा, ‘‘उसने (भास्कर ने राज्य सरकार द्वारा जारी) 371 करोड़ रुपये में से 200 करोड़ रुपये से अधिक का लाभांश रखा और वास्तविक लागत को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाते हुए एक नकली डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार की।’’

अधिकारियों ने बताया कि भास्कर ने परियोजना का मूल्यांकन बढ़ा-चढ़ा कर 3,300 करोड़ रुपये दिखाया जबकि सीमेंस इंडस्ट्रियल सॉफ्टवेयर इंडिया के सॉफ्टवेयर की कीमत केवल 58 करोड़ रुपए थी। इस परियोजना में सीमेंस इंडस्ट्रियल सॉफ्टवेयर इंडिया और डिजाइन टेक सिस्टम्स शामिल थे।

समझौते के तहत सीमेंस इंडस्ट्रियल सॉफ्टवेयर इंडिया और डिजाइन टेक सिस्टम्स को इस परियोजना में 90 प्रतिशत धन का योगदान देना था और शेष 10 प्रतिशत राज्य सरकार को वहन करना था, लेकिन किसी भी कंपनी ने एक भी रुपया खर्च नहीं किया और राज्य सरकार के धन की कथित रूप हेराफेरी की गई।

भाषा सिम्मी माधव

माधव

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)