पुणे (महाराष्ट्र), नौ अप्रैल (भाषा) महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (एमएसआरटीसी) के आंदोलनरत कर्मचारियों के राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार के आवास के बाहर प्रदर्शन करने के एक दिन बाद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को कहा कि पुलिस विभाग प्रदर्शन के बारे में समय पर सूचना जुटाने में नाकाम रहा।
उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि परिवहन निगम के कर्मचारियों को किसने उकसाया था।
एमएसआरटीसी के 100 से अधिक कर्मचारियों ने शुक्रवार दोपहर दक्षिण मुंबई में पेडर रोड पर स्थित पवार के बंगले ‘सिल्वर ओक’ के बाहर प्रदर्शन किया था, जिसकी जानकारी पुलिस को नहीं थी।
घंटों बाद पुलिस ने वकील गुणरत्ना सदावर्ते समेत 103 लोगों को गिरफ्तार किया था। सदावर्ते का दावा है कि वह परिवहन निगम के प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
एमएसआरटीसी के कर्मचारी नवंबर 2021 से हड़ताल पर हैं। उनकी मुख्य मांग है कि नकदी की समस्या से जूझ रहे परिवहन निगम का राज्य सरकार में विलय कर दिया जाए।
अजित पवार ने शनिवार सुबह यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, ‘‘दो दिन पहले अदालत के आदेश के बाद जश्न हो रहा था और कुछ लोगों ने अदालत के फैसले को जीत के तौर पर पेश किया। ‘सिल्वर ओक’ जाने की कोई वजह नहीं थी…इससे पहले, किसी ने यह भी कहा था कि वे 12 अप्रैल को बारामती (पवार के गृह नगर) जाएंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सच है कि पुलिस विभाग हमले की सूचना जुटाने में नाकाम रहा। जब प्रदर्शनकारी वहां गए तो मीडियाकर्मी कैमरों के साथ मौजूद थे। इसका मतलब है कि मीडिया को इसके बारे में जानकारी दी गई थी।”
अजित पवार ने सवाल किया कि अगर मीडिया को यह जानकारी मिल सकती है तो पुलिस विभाग को क्यों नहीं?
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मिली सूचना के अनुसार, इस प्रकरण की जांच करने के लिए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को नियुक्त किया गया है।’’
यह पूछने पर कि क्या उन्हें प्रदर्शन में किसी राजनीतिक दल के शामिल होने का संदेह है, राकांपा नेता ने कहा कि वह तब तक कोई बयान नहीं देंगे, जब तक उन्हें जांच रिपोर्ट नहीं मिल जाती।
भाषा गोला पारुल
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