शिवसेना के विभाजन से अब भी दुख होता है, दोनों गुटों को एक होना चाहिए: अंबादास दानवे

शिवसेना के विभाजन से अब भी दुख होता है, दोनों गुटों को एक होना चाहिए: अंबादास दानवे

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  • Publish Date - July 19, 2025 / 10:28 PM IST,
    Updated On - July 19, 2025 / 10:28 PM IST

मुंबई, 19 जुलाई (भाषा) शिवसेना (उबाठा) नेता अंबादास दानवे ने कहा कि यह बात अब भी खटकती है कि बाल ठाकरे द्वारा स्थापित शिवसेना जैसा एक ‘‘मजबूत’’ संगठन टूट गया और इसलिए इसके दोनों गुटों को एक साथ आना चाहिए।

दानवे ने कहा, ‘‘संगठन में फूट अब भी खटकती है। किसी ने हमारे संगठन (शिवसेना) पर बुरी नजर डाल दी है।’’

दानवे ने एक मराठी समाचार चैनल को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘हम सत्ता के लिए पैदा नहीं हुए हैं। यह (सत्ता) आती-जाती रहती है। यह जख्म किसी दिन भर जाना चाहिए। हमारा संगठन मजबूत और एकजुट था। सभी को एक साथ आना चाहिए। हमारी पार्टी सत्ता में होनी चाहिए। एक शिवसैनिक होने के नाते मैं यह महसूस करता हूं।’’

विधान परिषद में विपक्ष के नेता दानवे ने कहा कि एकता की उम्मीद करना कोई मुद्दा नहीं है।

शिवसेना में 2022 में उस वक्त विभाजन हो गया था। पार्टी के वरिष्ठ नेता और मौजूदा उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बगावत करते हुये 39 विधायकों के साथ अलग गुट बना लिया। इसके बाद, वह भाजपा की अगुवाई वाली राजग में शामिल हो गये।

भाषा सुभाष रंजन

रंजन