(Saphala Ekadashi 2025, Image Credit: IBC24 Archive)
Saphala Ekadashi 2025: सफला एकादशी हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र व्रत माना जाता है। यह पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस दिन भक्त माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की विशेष पूजा करते हैं। धार्मिक मान्यता है कि जरूरतमंदों को दान देने और व्रत करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और जीवन में सफलता, सुख-समृद्धि और खुशहाली प्रदान करते हैं। भगवान कृष्ण के अनुसार, जो व्यक्ति नियमित रूप से एकादशी का पालन करता है, वह उनके अत्यंत प्रिय हो जाता है। पूरे साल में हिंदू कैलेंडर के अनुसार 24 एकादशी तिथियां आती हैं, जिनमें से प्रत्येक पर भगवान विष्णु की उपासना का विधान है।
साल 2025 में सफला एकादशी पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाएगी। यह व्रत 14 दिसंबर की शाम 6:49 बजे से शुरू होकर 15 दिसंबर की रात 9:19 बजे समाप्त होगा। उदया तिथि के अनुसार, सफला एकादशी का व्रत 15 दिसंबर 2025 को मान्य होगा।
सफला एकादशी पर पंचांग के अनुसार विशेष मुहूर्त-
इस दिन चित्रा नक्षत्र और शोभन योग का संयोग भी बन रहा है, जो पूजा और व्रत के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
एकादशी के दिन एक साफ चौकी पर पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और उस पर भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें। उन्हें सुंदर वस्त्र पहनाएं और माला पहनाकर श्रृंगार करें। इस दौरान ‘ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णुः प्रचोदयातः’ मंत्र का जाप करना शुभ होता है। शुद्ध घी से दीपक जलाएं और भगवान को बेसन के लड्डू, केले, पंजीरी और पंचामृत का भोग लगाएं। इस दिन सफला एकादशी की कथा अवश्य पढ़ें। पूजा के अंत में आरती करें और सुख-समृद्धि की कामना करें।
सफला एकादशी पर दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है। जरूरतमंदों में अन्न और कुछ पैसे का दान करने से व्रत का फल दोगुना मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से जीवन में धन, सुख और सफलता की प्राप्ति होती है।