Mahashivratri 2025/ Image Credit: IBC24 File
Pradosh Vrat 2024 : नई दिल्ली। हिंदू धर्म में ज्येष्ठ माह का विशेष महत्व है। इसमें पड़ने वाले व्रत और त्योहारों को बहुत ही महत्व दिया जाता है। इस बार ज्येष्ठ माह में मंगलवार को प्रदोष व्रत पड़ रहा है। इसमें भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। यह व्रत बेहद शुभ और फलदायी होता है। भगवान शिव की पूजा करने के साथ ही मंत्रों के जाप से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाएगी। घर में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस बार कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत 4 जून 2024 को रखा जाएगा। इस व्रत को भौम प्रदोष व्रत भी कहा जाता है। इसकी वजह प्रदोष व्रत का मंगलवार के दिन पड़ना है।
दृक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 4 जून को सुबह 12 बजकर 18 मिनट से रात 10 बजकर 01 मिनट तक रहेगा। भौम प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव के साथ हनुमानजी की पूजा की जाती है।
इस दिन रात 7 बजकर 16 मिनट से रात 9 बजकर 18 मिनट तक करीब दो घंटे तक पूजा का उत्तम मुहूर्त बन रहा है।
भौम प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठें।
स्नानादि के बाद स्वच्छ कपड़े पहनें।
मंदिर की साफ-सफाई करें।
फिर शिवजी को धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
शिवलिंग पर कच्चा दूध और गंगाजल से जलाभिषेक करें।
इसके बाद सायंकाल में भगवान शिव की विधिवत पूजा करें।
शिवलिंग पर जलाभिषेक करें। प्रदोष व्रत की कथा पढ़ें।
शिवलिंग पर बेलपत्र, फूल, धतुरा, आक के फूल और भस्म चढ़ाएं।
इसके बाद शिवजी के बीज मंत्र ‘ऊँ नमः शिवाय’ का 108 बार जाप करें।
शिवचालीसा का पाठ करें और अंत में शिव-गौरी समेत सभी देव-देवताओं की आरती उतारें।
प्रदोष व्रत के दिन कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। इसदिन भूलकर भी लहसुन, प्याज और मांसाहारी भोजन न करें। प्रदोष व्रत धारण करने वाले भूलकर भी नमक का सेवन न करें। साथ ही ब्रह्मचर्य का पालन करें और दिन भर शिवजी का ध्यान करते रहें।