अमरावती (आंध्र प्रदेश),16 सितंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने पूर्ववर्ती तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) शासन काल के दौरान की विभिन्न अनियमितताओं, खासतौर पर अमरावती राजधानी क्षेत्र में हुए भूमि सौदों की व्यापक जांच के लिये राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच टीम (एसआईटी) की कार्रवाई पर बुधवार को रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति डी वी वी समयजुलू ने पूर्व मंत्री अलपाती राजेंद्र प्रसाद और तेदेपा महासचिव वारला रमैया की दो याचिकाओं पर इस सिलसिले में एक अंतरिम (स्थगन) आदेश जारी किया।
इन याचिकाओं के जरिये एसआईटी की वैधता को चुनौती दी गई है।
राज्य सरकार ने कहा है कि वह उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाएगी।
सरकार के सलाहकार (लोक मामले) सज्जला रामकृष्ण रेड्डी ने उच्च न्यायालय के आदेश को आश्चर्यजनक और दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
गौरतलब है कि मौजूदा वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने पिछली चंद्रबाबू नायडू सरकार के दौरान हुई विभिन्न अनियमितिाओं, खासतौर पर अमरावती राजधानी क्षेत्र में भूमि सौदों की एक व्यापक जांच के लिये 21 फरवरी को डीआईजी रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता वाली 10 सदस्यीय एक एसआईटी गठित की थी।
हालांकि, राज्य सरकार ने मामलों की सीबीआई जांच कराने के लिये केंद्र को भी पत्र लिखा था।
राज्य सरकार के आदेश को चुनौती देते हुए तेदेपा नेताओं ने एसआईटी के गठन को मनमाना, अवैध, बगैर अधिकारक्षेत्र वाला और असंवैधानिक बताया तथा इसे रद्द करने की मांग की।
भाषा सुभाष नरेश
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