अमरावती (आंध्र प्रदेश), 13 सितंबर (भाषा) आंध्र प्रदेश के पुलिस महानिदेशक डीजी सवांग ने राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द कायम रखने को लेकर प्रतिबद्धता जताई है।
इसके साथ ही उन्होंने मंदिर में रथ को जलाने की घटना की पृष्ठभूमि में अपने अधिकारियों को सभी पूजा स्थलों की संरक्षा और सुरक्षा ऑडिट करने का निर्देश दिया है।
सवांग ने कहा, ‘‘हम तैयार रहेंगे (सांप्रदायिक सौहार्द् कायम रखने के लिए)। हम बिना तैयारी के नहीं रहना चाहते हैं।’’
थाना प्रभारी स्तर के अधिकरियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये संवाद करते हुए पुलिस महानिदेशक ने सभी धार्मिक स्थलों का सर्वेक्षण करने, मानचित्रण करने और जियो टैग करने एवं शांति समितियों को दोबारा सक्रिय करने का निर्देश दिया।
डीजीपी ने अधीनस्थ अधिकारियों से कहा, ‘‘सभी धार्मिक स्थलों, ढांचों…मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर या अन्य… का शीघ्र सर्वेक्षण कर, पहचान कर और मानचित्रण करें। दो दिनों के भीतर उनका जियो टैगिंग का काम पूरा होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस काम में सभी हितधारकों को शामिल करें।’’
सवांग ने कहा, ‘‘जिम्मेदार लोगों से बात करें और जरूरी संरक्षा एवं सुरक्षा उपायों का सुझाव दें। जन सुरक्षा कानून के तहत नोटिस जारी करें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम नहीं चाहते कि लापरवाही, दुर्घटना या कहीं शरारती घटना की वजह से राज्य का सांप्रदायिक माहौल बिगड़े।’’
डीजीपी ने कहा यह हमारी जिम्मेदारी है कि त्वरित कार्रवाई करें और समस्या का समाधान करें।
उल्लेखनीय है कि यह बैठक पिछले हफ्ते अंतरवेदी श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर में रथ को जलाए जाने की घटना की पृष्ठभूमि में हुई है। यह घटना बड़ा धार्मिक-राजनीतिक मुद्दा बन गया था जिसके बाद राज्य की वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार को मामले की जांच सीबीआई से कराने का आदेश देने के लिए मजबूर होना पड़ा।
भाषा धीरज दिलीप
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