मैंने ‘स्कैम’ की सफलता के दबाव को नये कामों के लिए उत्साह में बदला: प्रतीक गांधी

मैंने ‘स्कैम’ की सफलता के दबाव को नये कामों के लिए उत्साह में बदला: प्रतीक गांधी

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  • Publish Date - July 12, 2021 / 12:24 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:50 PM IST

(जस्टिन राव)

मुंबई, 12 जुलाई (भाषा) वेब सीरीज ‘‘स्कैम 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी’’ में निभाई भूमिका से रातों रात स्टार बने अभिनेता प्रतीक गांधी का कहना है कि उन्होंने नई परियोजनाओं के लिए इस सीरीज की सफलता के दबाव को उत्साह में बदला।

दस वर्षों से अधिक समय से गुजराती फिल्म और रंगमंच क्षेत्र में बड़े स्तर पर काम कर रहे अभिनेता ने कहा कि हंसल मेहता द्वारा निर्देशित शो की सफलता के बाद उन्हें नेक इरादे वाले लोगों से कई सुझाव मिले। उन्होंने कहा, ‘‘शुरुआत में, जब ‘स्कैम’ रिलीज़ हुई और इसे तुरंत सफलता मिलने लगी, तो मैंने दबाव महसूस किया। हर कोई मुझसे कहता रहा कि मेरा अगला कदम मेरे करियर का फैसला करेगा और मुझे सोच समझकर अगला कदम उठाना होगा।’’

गांधी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘लेकिन जब मैंने इसके बारे में सोचा, तो मुझे एहसास हुआ कि इसका कोई फॉर्मूला नहीं है। मैं अपनी मेहनत से इस मुकाम पर पहुंचा और मुझे आगे बढ़ने का यही एकमात्र तरीका दिखाई देता है। मैं अपनी नई परियोजनाओं के लिए दबाव को उत्साह में बदलता रहा।’’

अभिनेता प्रतीक गांधी (41) ने कहा कि पिछले एक साल में उनकी सबसे बड़ी सीख यह रही है कि मनोरंजन उद्योग में अपनी पहचान बनाने के लिए धैर्य और कड़ी मेहनत का अच्छा संतुलन होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘आपको केवल एक अवसर दिया जाएगा। लेकिन आपको उस अवसर के लिए खुद को वर्षों तक तैयार करना होगा, इससे पहले कि वह आपके दरवाजे पर दस्तक दे।’’

सोनी लिव सीरीज में विवादास्पद स्टॉकब्रोकर हर्षद मेहता के रूप में निभाई भूमिका के बाद गांधी को फिल्म और सीरीज के लिए अनगिनत प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। गांधी ने कहा कि ऐसे निर्माता हैं जो विशेष रूप से उनके लिए भूमिकाएं लिख रहे हैं, जो एक सपने के सच होने जैसा है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे पास रोज नई चीजें आ रही हैं। ‘स्कैम’ के बाद दर्शकों और निर्माताओं ने बड़े स्तर पर मुझे एक अभिनेता के रूप में देखना शुरू कर दिया था। मेरे पास दिलचस्प प्रस्ताव आ रहे हैं। मेरे लिए लिखी गई भूमिकाओं के साथ लोग मेरे पास आ रहे हैं। मैं 16 साल से इसका इंतजार कर रहा था।’’

भाषा

देवेंद्र उमा

उमा