नक्सलियों से निपटने छत्तीसगढ़ में NSG का स्थायी बेस कैंप बनाया जा सकता है। NSG जवानों की 25 दिन की ट्रेनिंग पूरे होने पर NSG के DG ने इस बात की संभावना जताई है। बस्तर के कांकेर जिले में देश की सबसे प्रतिष्ठित एंटी टेररिस्ट फोर्स की टुकड़ी ने गुरिल्ला वार की ट्रेनिंग ली।
बस्तर के कांकेर इलाके के जंगलवार फेयर कॉलेज में गुरिल्ला वार की ट्रेनिंग लेने वाली ये NSG कमांडो की पहली बैच है। जो 25 दिनों की विशेष ट्रेनिंग लेने के बाद 17 अगस्त को यहां से रवाना हुई है। नक्सलियों के अपहरण, होस्टेज और जंगली इलाकों में किए जाने वाले ऑपरेशन से जुड़ी ट्रेनिंग NSG कमांडो को दी गई। ये ट्रेनिंग खासतौर पर बस्तर इलाके में इसलिए दी गई, क्योंकि देश में बस्तर को नक्सली इंमरजेंसी का प्रमुख केंद्र माना जाता है। जाहिर है बड़ी वारदात में गुरिल्ला वॉर फेयर की तकनीक इन कमांडो के बहुत काम आएगी।
हालांकि NSG टारगेट ओरिएंटेड ऑपरेशन ही करती है और बस्तर में हालात इसके उलट हैं, बावजूद इसके साल 2007 में बस्तर में पहली बार NSG का नक्सल ऑपरेशन में इस्तेमाल किया गया था। हालांकि ये कारगर नहीं रहा। लेकिन अब गुरिल्ला युद्ध के तरीके बदले हैं और पुलिस अत्याधुनिक हुई है। लिहाजा NSG कमांडो को गुरिल्ला वार की ट्रेनिंग दी गई। आने वाले समय में बस्तर में NSG का स्थायी बेस बनाया जा सकता है।
नक्सलियों को केंद्र सरकार आंतरिक मामलों के लिए सबसे गंभीर खतरा मानती है। जो आम नागरिक के साथ VIP की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा हैं। लिहाजा हर स्थिति से निपटने के लिए विशेष बलों को विशेष परिस्थिति से निपटने ट्रेंड किया जा रहा है।