(Suzlon Energy Share / Image Credit: Meta AI)
Suzlon Energy Share: सुजलॉन एनर्जी के शेयर पिछले कुछ दिनों से लगातार दबाव में हैं। मंगलवार 2 दिसंबर को शेयर लगातार चौथे दिन लाल निशान में बंद हुए। निवेशकों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या शेयर की गिरावट आगे भी जारी रहेगी या यह निचले स्तरों पर खरीदने का मौका हो सकता है।
टेक्निकल चार्ट के अनुसार, सुजलॉन एनर्जी के शेयर अभी तक ओवरसोल्ड जोन में नहीं गए हैं। इसका RSI फिलहाल 37 पर है। आमतौर पर RSI के 30 के नीचे आने पर स्टॉक को ओवरसोल्ड माना जाता है। पिछले छह महीनों में शेयर में 25% से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है, जिससे निवेशकों की चिंता बढ़ गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सुजलॉन एनर्जी के F&O सेगमेंट में आने के बाद शॉर्ट सेलिंग की संभावना बढ़ गई है। इसका मतलब है कि शेयर में नई शॉर्ट पोजीशन्स बन रही हैं और शॉर्टिंग का दबाव आगे भी जारी रह सकता है।
एक्सपर्ट निवेशकों को 51 रुपये का स्टॉप लॉस लगाने की सलाह दे रहे हैं। इसके अलावा, वे चेतावनी दे रहे हैं कि किसी भी छोटी तेजी पर शेयर से बाहर निकलने पर विचार करना चाहिए। उनके अनुसार, शेयर का मौजूदा टेक्निकल स्ट्रक्चर तेजी का संकेत नहीं देता।
हालांकि शेयर दबाव में है, कंपनी के सितंबर तिमाही के नतीजे बाजार की उम्मीदों से बेहतर रहे। नेट प्रॉफिट बढ़कर 1,278 करोड़ रुपये हो गया जो पिछले साल 200 करोड़ रुपये था। इसमें 718 करोड़ रुपये का टैक्स राइट-बैक शामिल है। रेवेन्यू 3,870 करोड़ रुपये, सालाना 84% बढ़ोतरी दर्ज किया गया। EBITDA 720 करोड़ रुपये, लगभग ढाई गुना वृद्धि आई। EBITDA मार्जिन 14% से बढ़कर 18.6% हो गया। इन आंकड़ों से पता चलता है कि कंपनी की मौलिक स्थिति मजबूत है।
सुजलॉन एनर्जी का शेयर मंगलवार को 53.50 रुपये पर बंद हुआ, जो 0.41% की गिरावट है। साल 2025 में अब तक शेयर में करीब 18% की गिरावट आई है। बावजूद इसके, पिछले पांच साल में यह शेयर निवेशकों को 1560% का मल्टीबैगर रिटर्न दे चुका है।
नोट:- शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन होता है। शेयरों, म्यूचुअल फंड्स और अन्य वित्तीय साधनों की कीमतें बाजार की स्थितियों, आर्थिक परिस्थितियों और अन्य कारकों के आधार पर घट-बढ़ सकती हैं। इसमें पूंजी हानि की संभावना भी शामिल है। इस जानकारी का उद्देश्य केवल सामान्य जागरूकता बढ़ाना है और इसे निवेश या वित्तीय सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।