IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2025: देवांशी बाघ ने किया जिले में टॉप, साबित की मेहनत का सच, अब IBC24 ने स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप देकर किया सम्मानित

IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2025: देवांशी बाघ ने किया जिले में टॉप, साबित की मेहनत का सच, अब IBC24 ने स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप देकर किया सम्मानित

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  • Publish Date - August 11, 2025 / 02:35 PM IST,
    Updated On - August 11, 2025 / 02:35 PM IST

IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2025:

भोपाल:  IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2025: यदि एक आदमी शिक्षित होता है तो केवल एक व्यक्ति शिक्षित होता है, लेकिन जब एक बेटी शिक्षित होती है तो पूरी पीढ़ी शिक्षित होती है। कुछ इन्हीं भावों और विचारों के साथ मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का नंबर वन न्यूज चैनल IBC24 हर वर्ष बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ठ अंक अर्जित करने वाली बेटियों को स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप प्रदान करता है। स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप केवल एक स्कॉलरशिप ही नहीं हैं, बल्कि यह उन बेटियों के भविष्य के लिए अंशदान है, जो समाज और अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा बने हैं। इस बार भी मध्यप्रदेश की जिले में प्रथम आने वाली बेटियों को 50-50 हजार रुपए प्रदान किया गया। सम्मान पाने वालों में उज्जैन जिले की होनहार बेटी देवांशी बाघ भी शामिल है।

 

IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2025: मध्यप्रदेश के उज्जैन के श्री राज राजेन्द्र विद्या मन्दिर उज्जैन की छात्रा देवांशी बाघ पिता संजय कुमार बाघ ने 12वीं वाणिज्य संकाय में शानदार प्रदर्शन करते हुए 479 अंक / 500 प्राप्त कर जिले में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। अपनी मेहनत और लगन से देवांशी ने न केवल अपने स्कूल का नाम रोशन किया है बल्कि पूरे जिले का मान भी बढ़ाया है। बचपन से ही पढ़ाई में होशियार रही देवांशी का सपना है कि वह उच्च शिक्षा प्राप्त कर जीवन में एक बड़ा मुकाम हासिल करे। अपनी सफलता का श्रेय उन्होंने अपने माता-पिता, शिक्षकों और निरंतर मेहनत को दिया है।

2015 से दी जा रही है यह स्कॉलरशिप

IBC24 Swarna Sharda Scholarship 2025: बता दें कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ का नंबर वन न्यूज चैनल 2015 से ही यह स्कॉलरशिप प्रदान कर रहा है। IBC24 अपने स्थापना के समय से ही बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत रहा है। स्वर्ण शारदा स्कॉलरशिप हमारे इस मुहिम की एक बानगी है। इसके जरिए हम बेटियों को उड़ान भरने के लिए आसमान देते हैं, जिससे वह समाज बीच बेटियों के लिए पनपी गलत धारणाओं को दूर कर सकें।