सिंगापुर, चार जून (एपी) चीन के रक्षा मंत्री जनरल ली शांगफु ने ताइवान जलडमरूमध्य में उसके एक जंगी जहाज के अमेरिका के विध्वंसक पोत और कनाडा के फ्रिगेट (युद्धपोत) के रास्ते में आने संबंधी घटना पर रविवार को कहा कि तथाकथित ‘‘नौवहन की स्वतंत्रता’’ के नाम पर ऐसी गश्त बीजिंग के लिए उकसावे वाली कार्रवाई है।
मार्च में रक्षा मंत्री का पद संभालने के बाद से अपने पहले अंतरराष्ट्रीय संबोधन में शांगफु ने सिंगापुर में शांगरी-ला संवाद में दुनिया के शीर्ष रक्षा अधिकारियों से कहा कि चीन को बिना किसी दुर्भावना के किसी पोत के गुजरने से कोई समस्या नहीं है, लेकिन ‘‘हमें नौवहन की ऐसी स्वतंत्रता (गश्त) का इस्तेमाल करने की कोशिशों को रोकना होगा।’’
अमेरिका के रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने शनिवार को इसी संवाद में कहा था कि वाशिंगटन ‘‘चीन की दादागिरी या जबरदस्ती के आगे नहीं झुकेगा’’ और ताइवान जलडमरूमध्य तथा दक्षिण चीन सागर में उसके पोत नियमित रूप से गुजरेंगे और उसके विमान नियमित रूप से उड़ान भरेंगे, ताकि इस क्षेत्र के अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र होने के तथ्य पर जोर दिया जा सके।
गौरतलब है कि चीन के एक युद्धपोत ने स्व-शासित द्वीप ताइवान के बीच से गुजर रहे अमेरिका के एक निर्देशित मिसाइल विध्वंसक और कनाडा के एक फ्रिगेट का पीछा किया था। चीन इस स्व-शासित द्वीप पर अपना दावा जताता है।
शांगफु ने दावा किया था कि अमेरिका और उसके सहयोगियों ने ताइवान जलडमरूमध्यम में खतरा पैदा किया, जबकि इसके बजाय उन्हें ‘‘अपने वायु क्षेत्र और जल क्षेत्र की अच्छी तरह से देखभाल करनी चाहिए।’’
उन्होंने एक दुभाषिये के माध्यम से कहा, ‘‘वहां आने का क्या मतलब है? चीन में हम हमेशा कहते हैं, अपने काम से मतलब रखो।’’
एपी गोला पारुल
पारुल