‘सार्वजनिक रूप से ऐसे कपड़े नहीं पहन सकतीं मुस्लिम महिलाएं’ इस खास कपड़े पर लगी रोक, इस देश की सरकार ने लिया बड़ा फैसला

'सार्वजनिक रूप से ऐसे कपड़े नहीं सकतीं मुस्लिम महिलाएं' इस खास कपड़े पर लगी रोक! France Court Ban on Wear Burkini in Public Place

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  • Publish Date - May 26, 2022 / 11:06 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:56 PM IST

पेरिस: Ban on Burkini भारत सहित दुनिया के कई देशों में मुस्लिम महिलाओं के कपड़े को लेकर विवाद चल रहा है। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने कपड़ों पर बैन लगाने का विरोध किया है। लेकिन इसी बीच ​फ्रांस की एक आदलत ने मुस्लिम महिलाओं के खास तरह के कपड़े पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने मुस्लिम महिलाओं को सख्त निर्देश दिया है कि सार्वजनिक स्थानों पर ऐसे कपड़े पहनना तटस्थता के सिद्धांत का गंभीर उल्लंघन है। बता दें कि कुछ समय पहले ही यहां के मेयर ने महिलाओं को ऐसे कपड़े पहनने की छूट दी थी, लेकिन अब कोर्ट ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया है।

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पहले भी हुआ था इस मुद्दे पर विवाद

Ban on Burkini बुर्किनी फ्रांस में महिलाओं द्वारा अपने शरीर और बालों को ढक कर नहाने वाला एक स्विमसूट है। फ्रांस में बुर्किनी पहनना हमेशा से विवादस्पद रहा है और इसे लेकर कई बार विवाद खड़े होते रहे हैं। इसे सरकार द्वारा सार्वजनिक जगहों पर प्रतिबंधित किया जा चुका है। वहीं, अदालत के इस फैसले के बाद फ्रांस के गृहमंत्री गेराल्ड डारमैनिन ने ट्विटर पर ट्वीट कर इसका स्वागत किया और इसे लेकर खुशी जताई। उन्होंने लिखा कि यह एक अच्छी खबर है। अदालत के इस फैसले का हम समर्थन करते हैं जो विभाजनकारी चीजों को बढ़ावा देने से रोकता है। वहीं अदालत के इस फैसले के बाद ग्रेनोबल के मेयर एरिक पियोल ने इस फैसले पर निराशा जताई।

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मेयर थे बुर्कानी पहनने की आजादी के पक्ष में

हाल ही में मेयर ने सार्वजिनक पुल में महिलाओं को बुर्किनी पहनने की आजादी दी थी। मेयर का मानना था कि पुरूष और महिलाएं अपने मनमुताबिक कपड़े पहन कर तैराकी कर सकते हैं लेकिन फ्रांस की अदालत ने इस फैसले को पलट दिया है। अदालत का कहना है कि ये बुर्किनी सार्वजनिक स्थानों पर तटस्थता के सिद्धांत का गंभीर उल्लंघन करता है। ग्रेनोबल के मेयर एरिक बुर्किनी को पहनने देने के पक्ष में थे। वह वामपंथ विचारधारा से जुड़े प्रभावी नेता माने जाते हैं। उनके बुर्किनी के पक्ष में समर्थन देने के फैसले के बाद बुर्किनी पहनने का फैसला जून महीने से प्रभावी होने वाला था लेकिन अदालत के फैसले के बाद अब इस ड्रेस पर फिर फिर से रोक लग चुकी है।

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11 साल पहले फ्रांस में बुर्का पर लगा प्रतिबंध

फ्रांस में ग्यारह साल पहले सार्वजनिक जगहों पर पूरे चेहरे को ढकने पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। फ्रांस इस्लामी नकाब पर प्रतिबंध लगाने वाला पहला यूरोपीय देश बना था। इस प्रतिबंध के लागू होने के बाद फ्रांस में रहने वाली कोई भी महिला चाहे वह विदेशी ही क्यों न हो, घर के बाहर किसी भी सार्वजनिक जगह पर अपना चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लग गया।

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2016 में बुर्किनी पर लगा प्रतिबंध

साल 2011 में फ्रांस के चर्चित राष्ट्रपति निकोला सारकोजी ने यह प्रतिबंध लगाया था। उनका मानना था कि पर्दा प्रथा महिलाओं के साथ अत्याचार है और किसी भी कीमत पर फ्रांस में इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। इसके ठीक 5 साल बाद 2016 में फ़्रांस में एक और विवादित क़ानून लाया गया। इस कानून के तहत बुर्किनी नामक स्विम सूट पर बैन लगा दिया गया।

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इस्लामी अलगाववाद के खिलाफ बना कानून

बीते साल फ्रांस की संसद में इस्लामी अलगाववाद का मुकाबला करने के लिए एक कानून बना। इस कानून के तहत सरकार उन फैसलों को चुनौती दे सकती है जो फ्रांस के सख्त धर्मनिरपेक्ष मूल्यों को कमजोर करने की ताकत रखते हैं। यह कानून राज्य को धर्म से अलग करने पर जोर देता है। बता दें कि यूरोपीय देश फ्रांस में मुस्लिम महिलाओं की आबादी लगभग 50 लाख है। हालांकि बुर्का पहनने वाली महिलाओं की आबादी यहां लगभग 2 हजार ही है।

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