दीर अल-बला (गाजा पट्टी), 29 अक्टूबर (एपी) उत्तरी गाजा पट्टी में विस्थापित फलस्तीनियों के आश्रय वाली पांच मंजिला एक इमारत पर मंगलवार सुबह इजराइली हमले में कम से कम 60 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। यह जानकारी गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी।
एक अलग घटनाक्रम में, लेबनान के आतंकवादी समूह हिजबुल्ला ने कहा कि उसने पिछले महीने इजराइली हवाई हमले में हसन नसरल्ला के मारे जाने के बाद शेख नईम कासिम को अपना नया शीर्ष नेता चुना है।
इजराइल को सहायता समूहों से भी कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा, क्योंकि उसकी संसद ने एक ऐसा विधेयक पारित किया है, जो फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी की फलस्तीनी क्षेत्रों में काम करने की क्षमता को व्यापक रूप से प्रतिबंधित कर सकता है। संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के नाम से जानी जाने वाली यह एजेंसी गाजा में सबसे बड़ी सहायता प्रदाता है।
हिजबुल्ला ने एक बयान में कहा कि उसकी निर्णय लेने वाली शूरा परिषद ने तीन दशकों से उपनेता कासिम को नया महासचिव चुना है। हिजबुल्ला ने ‘‘जीत हासिल होने तक’’ नसरल्ला की नीतियों को जारी रखने का संकल्प लिया।
कासिम (71) लेबनान पर इजराइल के 1982 के आक्रमण के बाद स्थापित समूह का संस्थापक सदस्य है। 27 सितंबर को नसरल्ला के मारे जाने के बाद से कासित संगठन के कार्यवाहक के रूप में काम कर रहा था।
उसने टेलीविज़न पर कई भाषण दिए हैं, जिसमें उसने संकल्प जताया कि झटकों के बावजूद हिजबुल्ला लड़ता रहेगा।
सात अक्टूबर, 2023 को गाजा से हमास के अचानक हमले के बाद हिजबुल्ला ने इजराइल पर रॉकेट दागना शुरू कर दिया। सात अक्टूबर को हमास के इजराइल पर हमले के बाद से ही युद्ध शुरू हो गया था। दोनों समूहों का समर्थन करने वाले ईरान ने भी दो मौकों पर इजराइल पर गोलीबारी की है।
हिजबुल्ला के साथ तनाव पिछले महीने बढ़ गया था, जब इजराइल ने भारी हवाई हमले करके नसरल्ला और उसके अधिकांश बड़े कमांडरों को मार डाला था। इजराइल ने अक्टूबर की शुरुआत में लेबनान में जमीनी आक्रमण शुरू किया था।
उत्तरी गाजा में हमला ऐसे समय हुआ है जब इजराइल वहां एक बड़ा अभियान चला रहा है। हालांकि हाल के सप्ताहों में ध्यान लेबनान और ईरान पर केंद्रित हो गया है, फिर भी इजराइल ने उत्तरी गाजा में एक बड़ा अभियान संचालित करना और पूरे क्षेत्र में हवाई हमले करना जारी रखा है।
गाजा स्वास्थ्य मंत्रालय में फील्ड हॉस्पिटल विभाग के निदेशक डॉ. मारवान अल-हम्स ने एक संवाददाता सम्मेलन में, मंगलवार को हुए हमले में मारे गए लोगों की संख्या की घोषणा की। उन्होंने बताया कि 17 अन्य लोग लापता हैं।
मंत्रालय की आपातकालीन सेवा ने कहा कि मृतकों में कम से कम 12 महिलाएं और 20 बच्चे शामिल हैं।
इजराइली सेना की ओर से तत्काल कोई टिप्पणी नहीं की गई, जो तीन सप्ताह से अधिक समय से उत्तरी गाजा में अभियान संचालित कर रही है। इजराइली सेना ने कहा है कि वह इस अभियान के तहत हमास आतंकवादियों के इलाकों को निशाना बना रहा है है, जो वहां फिर से संगठित हो गए हैं।
आपातकालीन सेवा द्वारा प्रदान की गई प्रारंभिक हताहत सूची के अनुसार, मृतकों में एक मां और उसके पांच बच्चे शामिल हैं, और एक दूसरी महिला और उसके छह बच्चे हैं।
कमाल अदवान अस्पताल के निदेशक डॉ. होसिम अबू साफिया ने कहा कि हमले में घायल हुए लोगों को अस्पताल लाया गया है। इजराइली सेना ने सप्ताहांत में चिकित्सा सुविधा पर छापा मारा और दर्जनों चिकित्साकर्मियों को हिरासत में ले लिया। इजराइली सेना ने कहा कि उसने हमास के कई आतंकवादियों को हिरासत में लिया है।
मंगलवार को पत्रकारों को जारी किये गए एक वॉयस मैसेज में अबू सफिया ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य सेवा प्रणाली पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।’’ उन्होंने कहा कि घायल अवस्था में आने वाले लोग मर रहे हैं क्योंकि उनकी कोई देखभाल नहीं की जा रही है।
हाल के महीनों में इजराइली सेना ने विस्थापित लोगों के आश्रयों पर बार-बार हमला किया है। उसने कहा है कि उसने फलस्तीनी आतंकवादियों को निशाना बनाकर सटीक हमले किए और नागरिकों को नुकसान पहुंचाने से बचाने की कोशिश की। हमलों में अक्सर महिलाओं और बच्चों की मौत हुर्ह है।
इजराइली सेना ने कहा कि उसने कमाल अदवान पर छापे में हमास के कई आतंकवादियों को हिरासत में लिया, जो युद्ध की शुरुआत के बाद से अस्पतालों पर छापे की श्रृंखला में नवीनतम है।
उत्तरी गाजा में इजराइल के नवीनतम अभियान, जाबालिया शरणार्थी शिविर पर केंद्रित था। इसमें सैकड़ों लोग मारे गए और छोटे तटीय क्षेत्र में युद्ध के एक साल से अधिक समय बाद बड़े पैमाने पर विस्थापित हुए।
संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को लक्षित करने वाला इजराइली कानून सहायता को और प्रतिबंधित कर सकता है।
फलस्तीनियों को भय है कि इजराइल पूर्व जनरलों के एक समूह द्वारा प्रस्तावित योजना को लागू कर रहा है, जिन्होंने सुझाव दिया था कि उत्तर की नागरिक आबादी को खाली करने का आदेश दिया जाना चाहिए, सहायता आपूर्ति को काट दिया जाना चाहिए, और वहां रहने वाले किसी भी व्यक्ति को आतंकवादी माना जाना चाहिए।
इजराइली सेना ने ऐसी किसी योजना को लागू करने से इनकार किया है, जबकि सरकार ने स्पष्ट रूप से नहीं कहा है कि वह इसे पूरी तरह से लागू कर रही है या इसका कुछ हिस्सा।
इजराइल की संसद ने सोमवार को दो विधेयक पारित किए जो फलस्तीनी शरणार्थियों से संबंधित संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को गाजा में सहायता प्रदान करने से रोक सकते हैं। इजराइल गाजा और कब्जे वाले वेस्ट बैंक, दोनों पर नियंत्रण रखता है, और यह स्पष्ट नहीं है कि एजेंसी वहां कैसे काम करेगी।
इन कानूनों में फलस्तीनी शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र की राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को सहायता आपूर्ति से रोकने के प्रावधान हैं और ये एजेंसी तथा इजराइल की सरकार के बीच सारे संबंधों को तोड़ सकते हैं।
इजराइल का कहना है कि यूएनआरडब्ल्यूए में हमास ने घुसपैठ कर ली है और यह आतंकवादी समूह सहायता हड़प लेता है तथा अपनी गतिविधियों को छिपाने के लिए संयुक्त राष्ट्र की सुविधाओं का उपयोग करता है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र एजेंसी ने इन आरोपों का खंडन किया है।
सहायता समूहों ने चेतावनी दी है कि यूएनआरडब्ल्यूए का तत्काल कोई प्रतिस्थापन नहीं है। यह एजेंसी गाजा में सहायता प्रदान करने वाली प्रमुख संस्था है और वेस्ट बैंक समेत क्षेत्र में रह रहे लाखों फलस्तीनी शरणार्थियों को शिक्षा, स्वास्थ्य एवं अन्य मूलभूत सेवाएं प्रदान करती है।
ब्रिटिश परोपकार संस्था क्रिश्चियन एड के मध्य पूर्व प्रमुख विलियम बेल ने कहा, ‘… गाजा में इस जीवनरेखा को बाधित करना, पहले से ही निराशाजनक स्थिति को और अधिक गंभीर बना देगा, यह क्रूर और खतरनाक है।’
एपी अमित अविनाश
अविनाश