रजोनिवृत्ति के बाद यूटीआई संक्रमण को रोकना: हर महिला के लिए कुछ बातें जानना जरूरी

रजोनिवृत्ति के बाद यूटीआई संक्रमण को रोकना: हर महिला के लिए कुछ बातें जानना जरूरी

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  • Publish Date - June 2, 2025 / 02:29 PM IST,
    Updated On - June 2, 2025 / 02:29 PM IST

(एरिन ए ब्रेनैंड, जयना होलरॉयड-लेडुक और पॉलीन मैकडोनाग हल, कैलगरी विश्वविद्यालय)

कैलगरी (कनाडा), दो जून (द कन्वरसेशन) रजोनिवृत्ति के बाद ‘मूत्र नली का संक्रमण’ (यूटीआई) बार बार हो सकता है, लेकिन कनाडा की महिलाओं (हाल के सर्वेक्षण में 82 प्रतिशत) को यह एहसास नहीं है कि दोनों एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।

‘सेक्स, जेंडर और महिला स्वास्थ्य अनुसंधान केंद्र’ में, हमारी टीम का लक्ष्य जागरुकता बढ़ाना और महिलाओं को यूटीआई से बचाने के उपायों पर प्रकाश डालना है।

रजोनिवृत्ति के बाद यूटीआई होना आम बात क्यों है?

रजोनिवृत्त के बाद महिलाओं में यूटीआई बढ़ने का मुख्य कारण एस्ट्रोजन के स्तर में गिरावट है। यूरीनरी ट्रैक के ऊतकों को ठीक बनाए रखने में एस्ट्रोजन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

जैसे-जैसे एस्ट्रोजन का स्तर घटता है, वैसे वैसे यूरेथ्रा (वह नली जिसके माध्यम से मूत्र शरीर से बाहर आता है) की परत अधिक पतली और अधिक नाजुक हो जाती है।

इसके अलावा यूरेनरी ट्रैक में संक्रमण से लड़ने वाली रक्त कोशिकाएं कम हो जाती हैं और श्लैष्मिक (म्यूकोसल) प्रतिरक्षा भी कम हो जाती है। इससे स्थानीय प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है, जिससे बैक्टीरिया के लिए संक्रमण फैलाना आसान हो जाता है।

जीवन के इस चरण में अन्य कारक भी यूटीआई के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। जिन महिलाओं की यूरेनरी ब्लैडर की मांसपेशियां कमजोर हो गई हैं उनका ब्लैडर एक साथ पूरा खाली नहीं हो पाता जिससे मूत्र ब्लैडर में बचा रह जाता है और इससे वहां संक्रमण पैदा होने का खतरा होता है।

यूटीआई के लक्षण

अगर यूरिन में किसी प्रकार के संक्रमण के लक्षण नहीं हैं तो इसे यूटीआई नहीं कहा जा सकता, वहीं किसी प्रकार के लक्षण दिखाई देने पर इलाज की जरूरत होती है। यूटीआई के लक्षणों में लगातार बार बार मूत्र त्याग की जरूरत महसूस होना, इस दौरान तेज जलन होना, खुल कर पेशाब नहीं होना आदि हैं।

गंभीर मामलों में यूटीआई से गुर्दे में संक्रमण हो सकता है, इसलिए जब लगे कि बुखार है, ठंड लग रही है और पीठ में दर्द हो रहा है तो तत्काल चिकित्सा सहायता लेना आवश्यक है।

अस्सी या उससे अधिक आयु की महिलाओं में या कभी-कभी वे युवा महिलाएं जो मनोभ्रंश (डिमेंशिया) जैसी स्थिति से पीड़ित होती हैं उनके बर्ताव में यूटीआई के कारण अलग प्रकार का बदलाव आता है। वे भ्रमित दिखाई देती हैं और उन्हें भूख भी कम लगती है।

यूटीआई को रोकने के लिए साक्ष्य-आधारित रणनीतियां कई चिकित्सा प्रक्रिया और जीवनशैली में बदलाव अहम अंतर ला सकती हैं:

1. योनि एस्ट्रोजन उपचार

रजोनिवृत्त महिलाओं में बार-बार होने वाले यूटीआई को रोकने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है योनि एस्ट्रोजन थेरेपी। अध्ययनों से पता चला है कि योनि एस्ट्रोजन यूरेनरी ट्रैक के प्राकृतिक सुरक्षात्मक कारक को बहाल कर सकता है, जिससे यूटीआई का जोखिम काफी कम हो जाता है।

2. गैर-एंटीबायोटिक रोकथाम

‘मेथेनामाइन हिप्पुरेट’ बैक्टीरिया बनने से रोकने वाला वातावरण तैयार करना यूटीआई को कम करने में प्रभावी है। कनाडा में, महिलाओं को यह दवा किसी फ़ार्मेसी से लेनी होती है।

3. एंटीबायोटिक की कम खुराक

चिकित्सक कई महीनों तक एंटीबायोटिक्स की कम खुराक दे सकते हैं।

4. स्वच्छता और जीवनशैली से जुड़ी आदतें

हालांकि इसके प्रमाण सीमित हैं, लेकिन रोजमर्रा की कुछ आदतें जैसे पर्याप्त मात्रा में पानी पीना, यौन संसर्ग के बाद मूत्र त्याग करना, साफ सफाई बनाए रखना आदि यूटीआई को रोकने में मदद कर सकती हैं।

(द कन्वरसेशन) शोभना नरेश

नरेश