लू लगने से बचने के हैं तीन उपाय

लू लगने से बचने के हैं तीन उपाय

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  • Publish Date - July 11, 2021 / 06:04 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:03 PM IST

(टेक्सास एएंडएम यूनिवर्सिटी में फैमिली मेडिसिन के क्लीनिकल एसोसिएट प्रोफेसर गेब्रियल नील)

कॉलेज स्टेशन (अमेरिका), 11 जुलाई (द कन्वर्सेशन) मैं गर्मी संबंधी बीमारियों का अक्सर उपचार करने वाले एक प्राथमिक देखभाल चिकित्सक के तौर पर यह अच्छी तरह से जानता हूं कि अत्यधिक गर्म हवा या लू लगने के कारण किस प्रकार बड़ी संख्या में लोगों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ती है और कैसे इसके कारण लोगों की मौत होती है।

लू तब लगती है, जब किसी व्यक्ति के शरीर का तापमान (104 डिग्री फारेनहाइट यानी 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होना) बहुत अधिक बढ़ जाता है। पर्यावरण के अत्यधिक तापमान और आर्द्रता के कारण शरीर पसीने और सांस के माध्यम से खुद को ठंडा नहीं कर पाता। लू लगने पर व्यक्ति की दिल की धड़कन तेज हो जाती, उसकी सांस तेज चलती है, उसे चक्कर आना, उबकाई आना और मांसपेशियों में ऐंठन जैसी दिक्कत होती है और भ्रम का अनुभव होता है तथा अंततः रोगी पूरी तरह से होश खो सकता है।

यदि चिकित्सकीय उपचार नहीं किए जाएं, तो लू लगना अक्सर घातक होता है। रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार, अमेरिका में औसतन हर साल लगभग 658 लोगों की ऊष्माघात से मौत हो जाती है। लू की चपेट में किसी भी आयुवर्ग के लोग आ सकते हैं, लेकिन इससे ज्यादातर बुजुर्ग, विशेष रूप से 70 वर्ष से अधिक उम्र के लोग प्रभावित होते हैं, क्योंकि उम्र के साथ हमारे शरीर की स्वयं को ठंडा करने की क्षमता कम हो जाती है।

इसके अतिरिक्त रक्तचाप, दौरे पड़ने और मनोवैज्ञानिक विकारों को नियंत्रित करने के लिए उपयोग की जाने वाली कई सामान्य दवाएं व्यक्ति की शरीर के तापमान को नियंत्रित करने की क्षमता को कम कर देती हैं। यदि किसी बुजुर्ग व्यक्ति को खतरनाक लू के बारे में जानकारी नहीं हो, उसके घर में एयर कंडीशनर (वातानुकूलन यंत्र) नहीं हो और उसकी देखभाल के लिए कोई नहीं हो, तो खतरा और बढ़ता है।

बढ़ती उम्र के अलावा लू लगने के जोखिम को बढ़ाने वाले अन्य कारक मोटापा, मधुमेह और हृदय रोग हैं। इस संभावित घातक स्थिति से निपटने से तीन उपाय हैं:

पानी पीते रहें। गर्म मौसम में पानी का सेवन बढ़ाएं और मीठे पेय पदार्थ एवं शराब पीने से बचें। यदि आपके डॉक्टर ने हृदय संबंधी किसी समस्या या किसी अन्य रोग के कारण पानी का आपका दैनिक सेवन सीमित कर दिया है, तो चिकित्सकीय जटिलताओं से बचने के लिए लू चलने के दौरान उनके संपर्क में रहें।

आराम करें। दिन में उस समय व्यायाम नहीं करें, जब गर्मी अधिक हो। यानी पूर्वाह्न 10 बजे से शाम पांच बजे तक कसरत करने से बचें। ठंडी जगह पर रहें। यदि आपके घर या कार में वातानुकूलन की सुविधा नहीं है, तो हल्के और ढीले कपड़ें पहनें, सूर्य की सीधी रोशनी के संपर्क में आने से बचें, स्वयं पर पानी के छींटे मारें और पंखे के सामने बैठें, ठंडे पानी से स्नान करें, अपनी गर्दन, बगल या सिर पर ठंडे पानी का कपड़ा रखें और अपने स्थानीय स्वास्थ्य विभाग से स्थानीय ताप-राहत आश्रयों के बारे में जानकारी लें।

लू से बचने में पंखे मददगार होते हैं, लेकिन इनसे हवा का तापमान कम नहीं होता, बल्कि त्वचा पर हवा लगने से पसीना आसानी से सूख जाता है और शरीर का तापमान कम हो जाता है। पंखे उपयोगी होते हैं, लेकिन अत्यधिक नमी में एयर कंडीशनर बेहतर होता है, क्योंकि यह शुष्क हवा पैदा करता है जिससे शरीर अधिक आसानी से ठंडा होता है। खुद को ठंडा रखें, आराम करें और शरीर में पानी की कमी न होने दें।

द कन्वर्सेशन सिम्मी शोभना

शोभना