रेडियो सिग्नल और GPS जैसी तरंगीय सेवा में हो सकती है बाधा, पृथ्वी के नजदीक आ रहा है सौर तूफान

सौर तूफान के पृथ्वी से टकराने पर केवल दुनिया में अकेले ब्लैकआउट होने का ही खतरा नहीं मंडरा रहा, बल्कि इस घटना से कई और प्रकार की परेशानियों का भी सामन करना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि अगर ऐसा होता है तो दुनियाभर के रेडियो सिग्नल में मुश्किल में पड़ सकते हैं।

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  • Publish Date - August 3, 2022 / 01:43 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:44 PM IST

Solar Storm Threat: सौर मंडल वैज्ञानिकों और अंतरिक्ष शोधकर्ताओं के लिए हमेशा से ही एक खोज का विषय रहा है। वहीं सौर तूफान ने हमेशा ही अंतरिक्ष वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ाई है। सौर तूफान को लेकर अब एक नई चेतावनी जारी की गई है। जिसके मुताबिक, पृथ्वी  पर एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। सूर्य के वायुमंडल में एक छेद से तेज गति वाली सौर हवाएं आज को पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र से टकरा सकती है। बताया जा रहा है कि सौर तूफान सूरज से टकराने से तो बच गया है लेकिन अब ये तेजी से पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। जानकारों की मानें तो अगर ये सौर तूफान पृथ्वी से टकराता है तो इससे पूरी दुनिया में ब्लैकआउट हो सकता है।

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ब्लैकआउट के अलावा इनका भी खतरा

जानकारों के मुताबिक, सौर तूफान के पृथ्वी से टकराने पर केवल दुनिया में अकेले ब्लैकआउट होने का ही खतरा नहीं मंडरा रहा, बल्कि इस घटना से कई और प्रकार की परेशानियों का भी सामन करना पड़ सकता है। बताया जा रहा है कि अगर ऐसा होता है तो दुनियाभर के रेडियो सिग्नल में मुश्किल में पड़ सकते हैं। जिससे रेडियो के संचालन में दिक्कत आ सकती है। वहीं, इसका प्रभाव जीपीएस का प्रयोग करने पर भी पड़ सकता है। जानकारों के मानें तो इसका सबसे अधिक और बुरा प्रभाव मोबाइल फोन के सिग्नल पर पड़ सकता है। जिसके कारण दुनिया में मोबाइल नेटवर्क प्रणाली ठप पड़ सकती है। इसी तरह की तमाम मुसीबतों की संभावनाओं को देखते हुए इस तूफान को लेकर ज्यादा चिंता व्यक्त की जा रही है।

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क्या होता है सौर तूफान

बता दें कि सौर तूफान को जियोमैाग्नेटिक स्टॉर्म और सोलर स्टॉर्म भी कहा जाता है। यह सूरज से निकलने वाला एक प्रकार का रेडिएशन होता है। इसकी वजह से मैग्नेटिक रेडिएशन और गर्मी बढ़ जाती है। जिसे पृथ्वी तक पहुंचने में 15 से 18 घंटे का समय लगता है। बता दें कि ये सौर तूफान उस समय आता है जब सूरज अपने लगभग 11 साल लंबे सौर चक्र के सबसे सक्रिय चरण में प्रवेश करता है।

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