Life imprisonment for wife who did not cry over husband's death
Life imprisonment for wife who did not cry over husband’s death ; नई दिल्ली। बिहार के मधुबनी जिले की एक निचली अदालत ने छेड़खानी और दुष्कर्म का प्रयास करने के एक मामले में सुनवाई करते हुए ऐसी सजा सुनाई है जो लोगों के लिए एक सबक बन सके। दरअसल कोर्ट ने दोषी को गांव की सभी महिलाओं के कपड़े धोने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि दोषी को इसी शर्त पर जमानत दी जा रही है कि “वह अगले छह महीने तक गांव की सभी महिलाओं के कपड़े धोएगा”।
कोर्ट के मुताबिक, इस प्रकार की सजा से दोषी के मन में महिलाओं के प्रति सम्मान जागेगा। कोर्ट ने न सिर्फ यह आदेश दिया बल्कि दोषी से ये भी कहा कि वो कपड़े धोने के बाद उन्हें प्रेस करके फिर हर घर में जाकर महिलाओं को कपड़े लौटाए। मामला चर्चा में है लेकिन ये पहली नहीं है जब ऐसे आदेश जारी हुए हो। इसके पहले भी कई अदालतें अपने अजब-गजब फैसलों के कारण सुर्खियों बटोर चुकी हैं।
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Life imprisonment for wife who did not cry over husband’s death ; इधर असम की एक निचली अदालत ने एक अजब-गजब फैसले के तहत एक महिला को उम्रकैद दे दी। उसका जुर्म ये था कि वो अपने पति की असामयिक मृत्यु पर बुक्का फाड़कर नहीं रोई थी। इसलिए, स्थानीय अदालत ने महिला को अपने पति की हत्या का दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा दी। महिला जब इस मामले को लेकर हाईकोर्ट पहुंची तो वहां भी हाईकोर्ट ने स्थानीय अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए उसे उम्रकैद की सजा सुनाई।
महिला को सजा देते समय निचली अदालत और हाईकोर्ट ने इस बात पर भी जोर दिया कि पति की हत्या वाली रात अंतिम बार महिला अपने पति के साथ थी। हत्या के बाद वह रोई नहीं, इससे उसके ऊपर संदेह गहरा जाता है और यह साबित होता है कि उसने ही अपने पति की हत्या की।
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मधुबनी में महिला के साथ छेड़खानी और दुष्कर्म की कोशिश के आरोपी को लोअर कोर्ट ने इस शर्त पर जमानत दी कि वह रिहाई के बाद अपने घर के सामने के नाले साफ करेगा।। एक अवैध शराब बेचने वाले आरोपी एक व्यक्ति को पांच गरीब बच्चों की तीन महीने तक पढ़ाई का खर्च उठाने को कहा।