All School Closed / Image Source: IBC24 Customized
जम्मू-कश्मीर: School Closed, जम्मू में सोमवार को पूरे संभाग में स्कूलों को बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। DSEJ ने प्रदेश में भारी बारिश और बर्फबारी के कारण यह फैसला लिया है। मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए जम्मू संभाग में सोमवार, 25 अगस्त 2025 को सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है।
j&k School Closed , डायरेक्टोरेट ऑफ स्कूल एजुकेशन जम्मू (DSEJ) ने यह निर्णय एहतियात के तौर पर लिया है ताकि छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। डीएसईजे की ओर से जारी आधिकारिक आदेश में कहा गया है कि भारी वर्षा के कारण 25 अगस्त 2025 को सभी सरकारी और निजी स्कूलों को बंद रखा जाएगा।
School Closed, आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर इन दिनों बहुत ही अजीब हालत से गुजर रहा है। एक ओर घाटी और मैदानी इलाकों में लगातार बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं, दूसरी तरफ ऊंचाई वाले इलाके खासकर किश्तवाड़ और वारवान घाटी में सीजन की पहली बर्फबारी हो रही है।
जम्मू-कश्मीर में अगले 48 घंटे मौसम के लिहाज से बेहद संवेदनीशल हैं। शनिवार को भी मौसम ने एक वरिष्ठ वकील और मां-बेटे सहित चार लोगों की जान ले ली। कठुआ शहर में ड्रीमलैंड पार्क के पास सड़क पर जलस्तर बढ़ने से एडवोकेट रवि शर्मा की कार साथ लगते नाले में गिर गई, जिससे उनकी मौत हो गई। रियासी जिला में एक माल वाहक वाहन भूस्खलन की चपेट में आने से चालक की मौत व दो लोग घायल हो गए। ऊधमपुर में तेज वर्षा के बीच एक कार के अनियंत्रित होकर दुर्घटनाग्रस्त होने से किश्तवाड़ के रहने वाले मां-बेटे की मौत व पति घायल हो गया।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, ये सब पश्चिमी विक्षोभ की वजह से हो रहा है। ये एक तरह की हवाओं की लहर है, जो भूमध्यसागर से उठकर हिमालय तक पहुंचती है। जब ये जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी इलाकों में टकराती है, तो निचले हिस्सों में जमकर बारिश होती है और ऊपरी इलाकों में तापमान तेजी से गिरकर बर्फबारी शुरू हो जाती है।
वैज्ञानिकों के अनुसार, पहाड़ों पर बर्फ और घाटी में बारिश का ये कॉम्बिनेशन असामान्य नहीं, लेकिन अब ये बार-बार और ज्यादा तीव्र रूप में दिख रहा है। एक और वजह जलवायु परिवर्तन भी है। पहले बर्फबारी का एक तय समय होता था, अक्टूबर-नवंबर के अंत में बर्फबारी होती थी। तब बारिश भी धीरे-धीरे होती थी, लेकिन अब मौसम का कोई भरोसा नहीं। कभी जून-जुलाई में बादल फट जाते हैं, कभी अगस्त-सितंबर में भारी बारिश से बाढ़ आ जाती है, और अब सितंबर के बीच में बर्फबारी शुरू हो गई। ये सब इस बात का साफ संकेत है कि क्लाइमेट चेंज यानी जलवायु परिवर्तन काफी तेजी से हो रहा है।
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