नई दिल्ली : Ferrari 250 GTO: जब आप तेज और महंगी स्पोर्ट्स कारों के बारे में बात करते हैं, तो ज़्यादातर लोगों के दिमाग में सबसे पहले फेरारी का नाम आता है। हालांकि, सभी फेरारी स्पेशल हैं लेकिन कुछ फेरारी कारें दुर्लभ हैं, जो इतिहास में ऐसे रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर चुकी हैं, जिन्हें तोड़ना बहुत मुश्किल है। ऐसा ही मॉडल अब नीलामी में 51.7 मिलियन डॉलर (430 करोड़ रुपए से भी ज्यादा) में बिका है, जो दुनिया की सबसे महंगी फेरारी कार बन गई है। यह 1962 फेरारी 250 GTO है।
नीलामी से पहले उम्मीद की जा रही थी कि 60 साल से भी ज्यादा पुरानी यह फेरारी 250 GTO दुनिया की सबसे महंगी कार बन सकती है लेकिन ऐसा नहीं हुई। यह दुनिया की दूसरी सबसे महंगी कार बनी है क्योंकि पहले नंबर पर मर्सिडीज 300 SLR उहलेनहौट कूप है, जो नीलामी में 143 मिलियन डॉलर (1000 करोड़ रुपए से अधिक) में बिकी थी।
Ferrari 250 GTO: गौरतलब है कि जिस फेरारी 250 GTO की नीलामी हुई है, उसमें मूल रूप से 4.0-लीटर V12 इंजम था। रिस्टोर्ड और मॉडिफाइड फरारी 250 जीटीओ के कई मालिक रह चुके हैं। हालांकि, अब नीलमी में इसे किसने खरीदा है, उसके बारे में जानकारी नहीं है। इसकी नीलामी सोमवार को न्ययॉर्क में हुई है।
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बता दें कि 1962 में जर्मन नूरबर्गरिंग नॉर्डश्लीफ सर्किट पर 1,000 किमी की रेस में यह कार दूसरे नंबर पर रही थी। इसे उसी साल ले मैन्स 24 आवर (घंटे) में भी हिस्सा लेना था लेकिन ले नहीं पाई थी। इंजन फेलियर के कारण टीम को विड्रो करना पड़ा था।