(1 December New Rules / Image Credit: IBC24 News)
नई दिल्ली: 1 December New Rules: 1 दिसंबर 2025 से वित्तीय क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव लागू हो गए हैं, जिनका सीधा असर आम नागरिकों, करदाताओं और निवेशकों पर पड़ेगा। इस महीने कई महत्वपूर्ण डेडलाइंस भी तय की गई हैं, जिन्हें समय पर पूरा न करने पर आर्थिक नुकसान या पेनल्टी भुगतनी पड़ सकती है। इन बदलावों में आधार, पैन लिंकिंग, आयकर रिटर्न फाइलिंग और बीएसई इंडेक्स में बड़े बदलाव खास तौर पर शामिल हैं।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 1 दिसंबर 2025 से अपनी mCASH सुविधा बंद कर दी है। यानी अब न तो OnlineSBI और न ही YONO Lite ऐप पर ग्राहक बिना बेनिफिशियरी जोड़े mCASH के जरिए पैसे भेज सकेंगे या किसी लिंक के माध्यम से फंड क्लेम कर पाएंगे। बैंक ने ग्राहकों को सलाह दी है कि वे सुरक्षित और व्यापक रूप से इस्तेमाल होने वाले अन्य विकल्प जैसे UPI, IMPS, NEFT और RTGS का उपयोग करें।
1 दिसंबर से NPS (नेशनल पेंशन सिस्टम) से UPS (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) में स्विच करने का समय समाप्त हो गया है। सरकार ने इसके लिए 30 नवंबर 2025 तक की अंतिम तिथि तय की थी। UPS कई विशेष लाभ प्रदान करता है, जैसे टैक्स में रियायत, इस्तीफे और अनिवार्य रिटायरमेंट से जुड़ी बेहतर व्यवस्थाएं। खास बात यह है कि UPS चुनने वाले कर्मचारियों के पास भविष्य में फिर से NPS पर वापस लौटने की सुविधा भी रहेगी।
जिन व्यक्तियों ने 1 अक्टूबर 2024 या उससे पहले आधार प्राप्त किया है, उन्हें 31 दिसंबर 2025 तक आधार को पैन से लिंक करना अनिवार्य है। अगर यह समय पर नहीं किया गया, तो पैन कार्ड निष्क्रिय हो जाएगा। निष्क्रिय पैन का सीधे असर बैंकिंग ट्रांजैक्शन, आयकर रिटर्न फाइलिंग और अन्य वित्तीय गतिविधियों पर पड़ेगा। इसलिए यह डेडलाइन करदाताओं के लिए बहुत जरूरी है।
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज दिसंबर में अपने प्रमुख इंडेक्स में बड़ा फेरबदल करने जा रहा है। 22 दिसंबर 2025 से इंटरग्लोब एविएशन को सेंसेक्स में शामिल किया जाएगा। टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल्स को सूचकांक से हटाया जाएगा। BSE 100 और BSE Bankex जैसे अन्य इंडेक्स में भी बदलाव होंगे। इसका असर खासकर उन निवेशकों पर पड़ेगा जो इंडेक्स-आधारित फंड्स में निवेश करते हैं।
FY 2024-25 के लिए बिलेटेड और रिवाइज्ड आयकर रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2025 है।
जो करदाता पहले समय पर रिटर्न नहीं भर पाए, वे देर से फाइल कर सकते हैं, लेकिन इस पर 5,000 रुपये (और आय 5 लाख रुपये से कम होने पर 1,000 रुपये) तक का लेट-फीस लगेगा।
यदि पहले फाइल किए गए रिटर्न में कोई गलती रह गई हो, तो उसे भी 31 दिसंबर तक सुधारा जा सकता है। इसके बाद केवल अपडेटेड रिटर्न (ITR-U) ही संभव होगा, जिसमें काफी अधिक टैक्स और ब्याज देना पड़ेगा।