Indian Stock Market News: नई नहीं है भारतीय शेयर बाजार में मंदी.. 20 साल पहले भी लुढ़का था मार्केट, डूबे थे 4.82 लाख करोड़

भारतीय शेयर बाजार में आई इस बड़ी गिरावट के पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारण हैं। अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुस्ती, नए आयात शुल्क, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और IT सेक्टर में गिरावट ने बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। आने वाले दिनों में बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। निवेशकों को सतर्कता बरतने और लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करने की जरूरत है।

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  • Publish Date - February 28, 2025 / 06:41 PM IST,
    Updated On - February 28, 2025 / 06:42 PM IST

indian stock market downfall reason || Image- Business Standard

HIGHLIGHTS
  • भारतीय शेयर बाजार में भारी गिरावट, सेंसेक्स 1,400 अंक टूटा, निफ्टी 426 अंक लुढ़का
  • अमेरिकी आर्थिक सुस्ती और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से भारतीय बाजार में दबाव बढ़ा
  • IT सेक्टर में 4% गिरावट, विदेशी नीतियों का भारतीय कंपनियों पर गहरा असर

Reason for decline in Indian stock market: नई दिल्ली: भारतीय शेयर बाजार में आज जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) दोपहर के कारोबार में 1,400 अंकों की गिरावट के साथ 73,201 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 50 (Nifty 50) में 426 अंकों की गिरावट आई और यह 22,119 पर आ गया। इस गिरावट की वजह सिर्फ घरेलू कारण नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी अनिश्चितता का माहौल देखने को मिल रहा है।

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हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब निवेशकों को बाजार में गिरावट से नुकसान उठाना पड़ा है। 28 साल पहले, 1996 में भी भारतीय शेयर बाजार में ऐसा ही संकट देखने को मिला था, जब सेंसेक्स और निफ्टी में भारी गिरावट दर्ज की गई थी।

1996 में भी आई थी ऐतिहासिक गिरावट

Reason for decline in Indian stock market: 1996 में भारतीय शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखी गई थी। निफ्टी में गिरावट का दौर सितंबर 1995 से शुरू हुआ था, जबकि सेंसेक्स में गिरावट जून 1996 से नवंबर 1996 तक जारी रही। इन पांच महीनों में सेंसेक्स 24.18% गिरा, जिससे इसका स्तर 922.02 अंक कम हो गया। उस समय, सेंसेक्स का मार्केट कैप 19.94 लाख करोड़ रुपये से घटकर 15.12 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया था। इस गिरावट के चलते निवेशकों को करीब 4,82,359.24 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान उठाना पड़ा था।

आज बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण

1. अमेरिकी GDP आंकड़ों में गिरावट

अमेरिका की अर्थव्यवस्था (US Economy) धीमी हो रही है, जिससे वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बढ़ गई है। हाल ही में जारी Q4 GDP आंकड़े केवल 2.3% रहे, जो उम्मीद से कम थे। इसके चलते अमेरिकी शेयर बाजार में कमजोरी दिखी, जिससे विदेशी निवेशकों (FII) ने भारत समेत अन्य उभरते बाजारों से पूंजी निकालनी शुरू कर दी। इस बिकवाली का सीधा असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ा।

2. अमेरिका का नया टैरिफ प्लान

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने मेक्सिको, कनाडा और चीन से आने वाले सामानों पर नए आयात शुल्क (Import Duty) लगाने की घोषणा की है। 4 मार्च से मेक्सिको और कनाडा से आने वाले सामानों पर 25% टैरिफ लगेगा, जबकि चीन से आयात पर 10% अतिरिक्त शुल्क लगाया जाएगा। यूरोपीय संघ (EU) पर भी 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी गई है।

Reason for decline in Indian stock market: इन नीतियों के कारण वैश्विक व्यापार युद्ध (Global Trade War) की आशंका बढ़ गई है, जिससे निवेशकों में डर बना हुआ है। इस फैसले का सबसे ज्यादा असर भारतीय IT कंपनियों पर पड़ा है, क्योंकि उनका अधिकांश कारोबार अमेरिकी बाजार से जुड़ा है।

3. विदेशी निवेशकों (FIIs) की बिकवाली जारी

पिछले कुछ महीनों से विदेशी निवेशक लगातार भारतीय बाजार से पैसा निकाल रहे हैं। फरवरी 2025 में FIIs ने ₹46,000 करोड़ के शेयर बेच दिए, जबकि जनवरी से अब तक कुल ₹1.33 लाख करोड़ की बिकवाली हो चुकी है।

इस बड़े पैमाने पर हुई बिकवाली के कारण भारतीय बाजार में दबाव बना हुआ है। घरेलू निवेशक इस बिकवाली को संभालने में असमर्थ हो रहे हैं, जिससे रुपये की कीमत भी कमजोर हो सकती है।

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4. IT सेक्टर में गिरावट

भारतीय IT कंपनियों के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखने को मिली। Nvidia जैसी अमेरिकी टेक कंपनियों के शेयरों में गिरावट के चलते भारतीय IT सेक्टर प्रभावित हुआ। IT इंडेक्स में करीब 4% की गिरावट दर्ज की गई।

सबसे ज्यादा नुकसान झेलने वाले शेयरों में Persistent Systems, Tech Mahindra और Mphasis शामिल हैं। अमेरिका में संभावित मंदी का असर आने वाले दिनों में भी IT कंपनियों पर दिख सकता है।

5. भारतीय GDP आंकड़ों को लेकर अनिश्चितता

भारतीय निवेशक देश की तीसरी तिमाही (Q3) GDP रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं, जिससे बाजार में अस्थिरता बनी हुई है। अर्थशास्त्रियों के अनुमान के अनुसार, अक्टूबर-दिसंबर 2024 तिमाही में भारत की GDP विकास दर लगभग 6.3% रहने की संभावना है, जो भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 6.8% के अनुमान से कम है। यदि ये आंकड़े उम्मीद से कमजोर रहते हैं, तो बाजार पर और दबाव आ सकता है।

Reason for decline in Indian stock market: भारतीय शेयर बाजार में आई इस बड़ी गिरावट के पीछे कई वैश्विक और घरेलू कारण हैं। अमेरिकी अर्थव्यवस्था की सुस्ती, नए आयात शुल्क, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और IT सेक्टर में गिरावट ने बाजार पर नकारात्मक प्रभाव डाला है। आने वाले दिनों में बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। निवेशकों को सतर्कता बरतने और लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करने की जरूरत है।

1. भारतीय शेयर बाजार में आज गिरावट क्यों आई?

भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का मुख्य कारण अमेरिकी GDP में कमी, विदेशी निवेशकों की बिकवाली, अमेरिका द्वारा नए टैरिफ लगाए जाने और IT सेक्टर में कमजोरी है।

2. क्या यह गिरावट आगे भी जारी रहेगी?

यह बाजार की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। यदि वैश्विक अर्थव्यवस्था और भारतीय GDP के आंकड़े बेहतर आते हैं, तो बाजार में सुधार संभव है। लेकिन विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी रही तो और गिरावट देखी जा सकती है।

3. किन सेक्टरों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है?

IT सेक्टर को सबसे अधिक नुकसान हुआ है, क्योंकि अमेरिकी टेक शेयरों में गिरावट का सीधा असर भारतीय IT कंपनियों पर पड़ा है। इसके अलावा, बैंकिंग और ऑटो सेक्टर पर भी दबाव देखा गया है।

4. क्या यह निवेश का सही समय है?

यदि आप दीर्घकालिक निवेशक हैं, तो यह बाजार में अवसर की तरह हो सकता है। गिरावट के दौरान मजबूत कंपनियों के शेयर खरीदना एक अच्छी रणनीति हो सकती है। हालांकि, निवेश से पहले उचित शोध करें।

5. विदेशी निवेशकों की बिकवाली भारतीय बाजार को कैसे प्रभावित करती है?

विदेशी निवेशक (FIIs) जब भारतीय बाजार से पैसा निकालते हैं, तो शेयरों की मांग घट जाती है और बिकवाली बढ़ जाती है, जिससे बाजार में गिरावट आती है। इससे रुपया भी कमजोर हो सकता है।