(तस्वीरों के साथ)
रायपुर, 13 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने छत्तीसगढ़ के सात जिलों वाले बस्तर संभाग को अगले पांच वर्षों में देश का सबसे विकसित आदिवासी क्षेत्र बनाने का संकल्प लिया है।
शाह ने कहा कि नक्सलवाद से किसी को फायदा नहीं होता – न तो हथियार उठाने वालों को और न ही सुरक्षाकर्मियों को, और केवल शांति ही विकास का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
उन्होंने एक बार फिर इस बात पर बल दिया कि 31 मार्च, 2026 तक देश से नक्सलवाद पूरी तरह खत्म हो जाएगा।
शाह ने राज्य के बस्तर जिले के मुख्यालय जगदलपुर में इंदिरा प्रियदर्शिनी स्टेडियम में बस्तर ओलंपिक-2025 खेल आयोजन के समापन समारोह को संबोधित करते हुए माओवादियों से अनुरोध किया कि वे हथियार डाल दें और समाज की मुख्यधारा में शामिल हो जाएं।
उन्होंने कहा कि सरकार ने 31 मार्च, 2026 से पहले पूरे देश से ‘लाल आतंक’ को खत्म करने का फैसला किया है, यह लक्ष्य अब प्राप्ति के करीब है।
शाह ने कहा,‘‘आज मैं बस्तर में आया हूं तब मुझसे ज्यादा आनंद किसी व्यक्ति को नहीं हो सकता है। हमने तय किया था कि 31 मार्च 2026 के पहले पूरे देश से लाल आतंक को खत्म कर देंगे, और आज बस्तर ओलंपिक 2025 में हम इसके कगार पर खड़े हैं। मैं 2024 में भी आया था, 2025 में भी आया हूं और 2026 में भी आऊंगा, यह मेरा वादा है। परंतु, जब मैं 2026 में बस्तर ओलंपिक के लिए पहुंचूंगा, तब तक छत्तीसगढ़ और पूरे देश से नक्सलवाद का सफाया हो चुका होगा।’’
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि बस्तर संभाग के सात जिलों – कांकेर, कोंडागांव, बस्तर, सुकमा, बीजापुर, नारायणपुर और दंतेवाड़ा – को दिसंबर 2030 तक देश के सबसे विकसित आदिवासी जिलों के रूप में विकसित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकारें इन जिलों के हर घर के लिए आवास, बिजली, शौचालय, नल का पानी, रसोई गैस कनेक्शन, पांच किलोग्राम मुफ्त अनाज और पांच लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बस्तर संभाग देश का सबसे विकसित आदिवासी क्षेत्र होगा। यहां हर गांव सड़कों से जुड़ा होगा, बिजली होगी, पांच किलोमीटर के दायरे में बैंकिंग सुविधाएं होंगी तथा प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों का एक मजबूत जाल होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘नक्सलवाद समाप्त हो, यह हमारा लक्ष्य जरूर है, पर क्यों है, क्योंकि नक्सलवाद इस क्षेत्र के विकास पर नाग बनकर फन फैला कर बैठा था। नक्सलवाद समाप्त होने के साथ ही इस क्षेत्र में विकास की एक नयी शुरुआत होगी। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी के नेतृत्व में सबसे विकसित क्षेत्र बनेगा, इसका मुझे पूरा विश्वास है।’’
शाह ने कहा, ”मैं इस मंच से जितनी दृढ़ता के साथ यह कहना चाहता हूं कि 31 मार्च 2026 को यह देश नक्सलवाद से मुक्त होगा, इतनी ही विनम्रता से मैं अपील करना चाहता हूं कि अभी भी गुमराह होकर हमारे ही लोग हाथ में हथियार लेकर बैठे हैं। हथियार डाल दीजिए पुनर्वास नीति का फायदा उठाइए। अपने और अपने परिवार के कल्याण में जुट जाइए, विकसित बस्तर के संकल्प के साथ आप लोग जुड़ जाइए।”
उन्होंने कहा, ‘‘नक्सलवाद से किसी का भला नहीं होना है। ना नक्सलवाद के लिए हथियार उठाने वाले लोगों का भला होना है, ना आदिवासियों का होना है, ना सुरक्षाबलों का होना है। शांति ही विकास का रास्ता प्रशस्त कर सकती है।’’
शाह ने गुमराह युवाओं से पुनर्वास नीति का फायदा उठाने और सम्मानजनक जीवन जीने का आग्रह किया।
बस्तर में बदलाव को रेखांकित करते हुए शाह ने कहा कि डर की जगह अब उम्मीद ने ले ली है, जहां कभी गोलियों की आवाज गूंजती थी, वहां अब स्कूलों की घंटियां बजती हैं, और जहां विकास कभी एक दूर का सपना था, वहां अब सड़कें, रेलवे और राजमार्ग बनाए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ‘लाल सलाम’ के नारों की जगह ‘भारत माता की जय’ के नारे लग रहे हैं, जो एक बड़े बदलाव का संकेत है।
शाह ने कहा, ‘‘हम सब विकसित बस्तर के लिए संकल्पित है। इस अभियान में, छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र सरकार ने सिर्फ़ हथियारबंद कैडरों के साथ मुठभेड़ करने और उन्हें मारने का लक्ष्य नहीं रखा था। पिछले दो वर्षों में दो हजार से अधिक नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। मैं आज आपको कहना चाहता हूं, हमारे आदिवासी समाज के प्रमुखों ने बहुत बड़ा योगदान दिया है। उनके मार्गदर्शन ने नक्सली युवाओं को हथियार छोड़ने का साहस और ताकत दी है, और राज्य सरकार ने भी आगे बढ़कर मदद की है। आज, मैं समुदाय के सभी नेताओं से अपील करता हूं कि जो लोग अभी भी हथियार लिए हुए हैं, उन्हें समझा-बुझाकर मुख्यधारा में वापस लाने के लिए काम करें।’’
बस्तर ओलंपिक को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आत्मसमर्पण कर चुके सात सौ से अधिक युवाओं ने इस खेल आयोजन में हिस्सा लिया, जो विभाजन की जगह एकता और विनाश की जगह विकास के रास्ते को चुनने का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारी इस आयोजन में मौजूद हैं जिससे प्रतिभाओं की पहचान की जा सके और बस्तर के खिलाड़ियों को भविष्य के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों के लिए तैयार किया जा सके।
शाह ने कहा, ”बस्तर बदल रहा है, और जब 2026 में फिर से ओलंपिक होंगे, तो वे नक्सलवाद-मुक्त बस्तर में आयोजित किए जाएंगे।”
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष रमन सिंह, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा तथा अन्य लोग मौजूद थे।
भाषा संजीव
रवि कांत धीरज
धीरज