रायपुर। छत्तीसगढ़ नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी पर बड़ी जीत दर्ज की है। कांग्रेस ने नगर पंचायत में जहां एकतरफा जीत दर्ज की है, तो वहीं नगर पालिका में भी कांग्रेस का दबदबा बरकरार रहा। बीजेपी सिर्फ एक जामुल नगर पालिका में जीत दर्ज की है, जबकि खैरागढ़ सीट पर बीजेपी-कांग्रेस में मुकाबला बराबरी पर रहा। ओवरऑल परिणाम देखें तो नगर निगम में भी कांग्रेस ने बीजेपी को धूल चटा दी है। परिणाम के बाद कांग्रेस में जश्न का माहौल है। बता दें कि प्रदेश के 10 जिलों के 15 नगरीय निकायों में चुनाव हुए। जिनमें कांग्रेस ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है।
यह भी पढ़ें: युवक को स्टंट करना पड़ा महंगा, उछल कर 360° डिग्री घूम गई बाइक, पीछे बैठी लड़की का हुआ ये हाल, देखें वीडियो
बीरगांव में किसी को बहुमत नहीं..
नगर निगम की बात करें तो। बीरगांव नगर निगम में जबरदस्त मुकाबला देखने को मिला। किसी पार्टी को स्पष्ट जनादेश नहीं मिला है। यहां मेयर बनाने के लिए 21 पार्षदों की जरूरत है। लेकिन कांग्रेस के 19 पार्षद जीते हैं जबकि बीजेपी 10 वार्डों और 11 निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं। भिलाई और रिसाली में भी कांग्रेस ने दबदबा बरकरार रखा। जबकि चरोदा में बहुमत से 2 सीट पीछे रह गई। इस नतीजे को कांग्रेस अपनी उपलब्धियों और कामकाज का परिणाम बता रही है।
यह भी पढ़ें: कोरोना को लेकर सीएम शिवराज ने ली समीक्षा बैठक, अफसरों को दिए कई अहम निर्देश
नगर निगम के साथ-साथ नगर पालिका में तस्वीर भी लगभग साफ हो गई है। 3 नगर पालिका सारंगढ़, शिवपुर-चरचा और बैकुंठपुर में कांग्रेस ने कब्जा कर लिया है, हालांकि जामुल नगर पालिका बीजेपी के खाते में आई है। उधर खैरागढ़ सीट पर रोमांचक मुकाबला रहा। पहले तो एक वार्ड में मुकाबला टाई हुआ और जब रिकाउंटिंग की गई तो कांग्रेस प्रत्याशी ने जीत दर्ज कर ली। जिसके बाद कांग्रेस और बीजेपी का 10-10 वार्डों पर कब्जा है, लेकिन बीजेपी इन नतीजों को लेकर सरकार पर सत्ता और धनबल के दुरुपयोग करने का आरोप ला रही है।
यह भी पढ़ें: बीरगांव में पिता-बेटी बने पार्षद, अलग-अलग वार्ड से दोनों जीते चुनाव
वहीं नगर पंचायत की सभी 6 सीटों पर कांग्रेस ने बीजेपी का सफाया कर दिया। भोपालपट्टनम में तो एकतरफा रहा और कांग्रेस ने सभी 15 सीटें जीत ली। कोंटा में भी 15 में से 14 सीट जीतकर कांग्रेस ने बीजेपी को 1 सीट पर ला दिया। नरहरपुर, भैरमगढ़, मारो और प्रेमनगर में भी कांग्रेस ने स्पष्ट बहुमत लेकर नगर पंचायत चुनाव में अपना दबदबा कायम रखा। अगले विधानसभा चुनाव से दो साल पहले ये बड़ी जीत दिखाती है कि पार्टी का दबदबा बरकरार है। अब सवाल ये है कि क्या 2023 के विधानसभा चुनाव में इसका असर बरकरार रहेगा?
यह भी पढ़ें: IAS अफसर को मारने महिला जिला पंचायत सदस्य ने उठाई सैंडिल, जातिगत प्रताड़ना का लगाया आरोप