Bhojraj Nag Statement: “जो न माने आदिवासी रीति-रिवाज, उसे न मिले आरक्षण”, धर्मांतरण पर गरजे बीजेपी सांसद भोजराज नाग

जो न माने आदिवासी रीति-रिवाज, उसे न मिले आरक्षण...Bhojraj Nag Statement: "Those who do not follow tribal customs should not get reservation

Bhojraj Nag Statement | Image Source | IBC24

HIGHLIGHTS
  • भानुप्रतापपुर- विधानसभा में धर्मान्तरण को लेकर मजबूत कानून बनना चाहिए- सांसद भोजराज नाग
  • जो लोग आदिवासी रीति रिवाज और देवी-देवताओं को नहीं मानते उन्हें आरक्षण का लाभ नही मिलना चाहिए,
  • मैंने संसद में धर्मांतरण का मुद्दा उठाया- सांसद भोजराज नाग

भानुप्रतापपुर: Bhojraj Nag Statement: गोंडवाना समाज द्वारा आयोजित बूढ़ालपेंता करसाड एवं मांदरी नृत्य महोत्सव के समापन समारोह में कांकेर लोकसभा क्षेत्र के सांसद भोजराज नाग ने भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने आदिवासी समाज और उनकी संस्कृति को लेकर महत्वपूर्ण वक्तव्य दिए।

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Bhojraj Nag Statement: सांसद नाग ने अपने संबोधन में धर्मांतरण को लेकर कड़ा कानून बनाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि यह कानून विधानसभा के माध्यम से पारित होना चाहिए ताकि आदिवासी संस्कृति और पहचान की रक्षा की जा सके। भोजराज नाग ने स्पष्ट रूप से कहा कि जो लोग आदिवासी रीति-रिवाजों और देवी-देवताओं को नहीं मानते उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि जब उन्हें संसद में बोलने का अवसर मिला तब उन्होंने धर्मांतरण का मुद्दा संसद में मजबूती से उठाया।

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Bhojraj Nag Statement: उन्होंने गोंडवाना समाज के सांस्कृतिक आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे महोत्सवों से आदिवासी कला, संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा मिलता है और नई पीढ़ी को अपनी जड़ों से जोड़ने का कार्य होता है। इस दौरान बड़ी संख्या में स्थानीय ग्रामीण, समाज के पदाधिकारी व सांस्कृतिक दल उपस्थित रहे। महोत्सव में पारंपरिक नृत्य प्रस्तुतियों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

"भोजराज नाग धर्मांतरण पर क्या बोले?"

सांसद भोजराज नाग ने धर्मांतरण रोकने के लिए सख्त कानून की मांग की और कहा कि इसे विधानसभा में पारित किया जाना चाहिए।

"गोंडवाना समाज नृत्य महोत्सव" का उद्देश्य क्या था?

इस महोत्सव का उद्देश्य आदिवासी संस्कृति, नृत्य और परंपराओं का संरक्षण और प्रचार करना है।

"धर्मांतरण और आरक्षण" को लेकर भोजराज नाग का क्या मत है?

उन्होंने कहा कि जो लोग आदिवासी परंपराओं और देवी-देवताओं में विश्वास नहीं रखते, उन्हें आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिए।

क्या "भोजराज नाग ने संसद में धर्मांतरण का मुद्दा उठाया?"

हाँ, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि उन्हें जब संसद में बोलने का अवसर मिला तो उन्होंने धर्मांतरण पर चिंता जाहिर की थी।

"भानुप्रतापपुर महोत्सव" में और कौन-कौन शामिल हुए थे?

इस महोत्सव में स्थानीय ग्रामीण, गोंडवाना समाज के पदाधिकारी और कई सांस्कृतिक दलों ने भाग लिया।