चीनी रक्षा मंत्री के मौजूदगी में राजनाथ सिंह ने चीन को घेरा, कहा भारत वसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास करता है

चीनी रक्षा मंत्री के मौजूदगी में राजनाथ सिंह ने चीन को घेरा, कहा भारत वसुधैव कुटुम्बकम में विश्वास करता है

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  • Publish Date - December 10, 2020 / 07:16 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:51 PM IST

नयी दिल्ली,10 दिसंबर (भाषा) रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन के आक्रामक सैन्य बर्ताव के संदर्भ में बृहस्पतिवार को कहा कि गतिविधियों में संयम बरतने और स्थिति को और पेचीदा बनाने वाली किसी भी कार्रवाई से बचने से क्षेत्र में सतत शांति बनाए रखने में मदद मिल सकती है।

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रक्षा मंत्री आसियान के रक्षा मंत्रियों की ऑनलाइन बैठक ‘एडीएमएम-प्लस’ को संबोधित कर रहे थे। ‘एडीएमएम-प्लस’ आसियान देश और भारत,चीन समेत आठ संवाद भागीदारों का एक मंच है।

अधिकारियों ने बताया कि चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंघेई भी इस ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए।

सिंह ने ‘‘ वर्तमान क्षेत्रीय माहौल और दिखाई देने वाली तल्खी’’ पर अपने विचार रखे और एशिया में बहुलवादी और सहयोगात्मक सुरक्षा क्रम के वास्ते वार्ता और सहयोग को बढ़ावा देने में आसियान नीत मंचों की केन्द्रीय भूमिकाओं की सराहना की।

उन्होंने कहा,‘‘ जिस समय हम आपसी विश्वास और भरोसा बढ़ा रहे हैं, ऐसे में स्थिति को और पेचीदा बनाने वाली किसी भी कार्रवाई से बचने और गतिविधियों में संयम बरतने से क्षेत्र में शांति बनाने में मदद मिलेगी।’’

सिंह की यह टिप्पणी पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सात महीने से अधिक समय से सीमा पर जारी विवाद की पृष्ठभूमि और दक्षिण चीन सागर तथा हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन की विस्तारवादी गतिविधियों के बीच आई है।

रक्षा मंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता के मूल सिद्धांतों, खुलेपन और समावेशिता पर आधारित चुनौतियों से मिलकर निपटने की क्षमता क्षेत्र का भविष्य तय करेंगे।

सिंह ने कहा,‘‘ नियम आधारित व्यवस्था, समुद्री सुरक्षा, साइबर संबंधी अपराध एवं आतंकवाद जैसे कई खतरे हैं, जो चुनौतियां बने हुए हैं और हमें एक मंच के तौर पर इनसे निपटने की आवश्यकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ वसुधैव कुटुम्बकम जिसका अर्थ है कि पूरा विश्व एक परिवार है और सर्वे भवंतु सुखिना अर्थात सर्वत्र शांति हो, भारतीय सभ्यता का मूल है। इसलिए समावेशिता, समानता और खुलापन इस सिद्धांत में समाहित है।

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रक्षा मंत्री ने जैव आतकंवाद, देशों के बीच तस्करी और महामारी के खतरों से निपटने के लिए सतत प्रयास करने की अपील की। साथ ही साझा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए क्षमता निर्माण की जरूरत पर जोर दिया।

इस दौरान उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमण की चुनौती से मिल कर निपटने की भी बात कही।

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