नयी दिल्ली, 26 अप्रैल (भाषा) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में 157 सरकारी नर्सिंग कॉलेज खोलने के प्रस्ताव को बुधवार को मंजूरी प्रदान कर दी जिस पर 1570 करोड़ रुपये का खर्च आयेगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को यह जानकारी दी।
मांडविया ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों पर मंत्रिमंडल समिति (सीसीईए) की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
उन्होंने कहा कि इसके तहत देश में 157 सरकारी नर्सिंग कॉलेज खोले जायेंगे तथा इन्हें अगले 24 महीने में पूरा करके राष्ट्र को समर्पित किया जायेगा।
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इसके लिए 1570 करोड़ रुपये मंजूर किये गए हैं। उन्होंने बताया कि इस फैसले का मकसद देश में नर्सिंग क्षेत्र के पेशेवरों की संख्या बढ़ाने के साथ गुणवत्तापूर्ण, वहनीय एवं समावेशी नर्सिंग शिक्षा प्रदान करना है।
एक सरकारी बयान के अनुसार, इसके तहत मौजूदा मेडिकल कॉलेजों के साथ नर्सिंग कॉलेजों की मौजूदा अवसंरचना, कौशल प्रयोगशालाओं, नैदानिक सुविधाओं और संकाय का अधिकतम उपयोग हो सकेगा। इन नर्सिंग कॉलेजों में हरित प्रौद्योगिकियों के उपयोग का भी पता लगाया जाएगा।
इसके अनुसार इस कदम से, हर साल लगभग 15,700 नर्सिंग स्नातक कार्यबल में और जुड़ेंगे। यह भारत में, विशेष रूप से इस सुविधा से वंचित जिलों और राज्यों/संघ शासित प्रदेशों में गुणवत्तापूर्ण, किफायती और न्यायसंगत नर्सिंग शिक्षा सुनिश्चित करेगा।
इसमें कहा गया है कि सरकार अगले दो वर्षों में इस परियोजना को पूरा करने की योजना बना रही है और इसके लिए योजना तथा निष्पादन के प्रत्येक चरण के साथ विस्तृत समय-सीमा निर्धारित की गयी है।
बयान के अनुसार केंद्र सरकार के केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव और राज्यों में स्वास्थ्य/चिकित्सा शिक्षा विभागों के प्रमुख सचिवों की अध्यक्षता वाली अधिकार प्राप्त समिति, कार्य की प्रगति की निगरानी करेगी।
इसके अनुसार,योजना के तहत राज्य सरकार/संघ शासित प्रदेश नए नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना के लिए किए जा रहे कार्यों की भौतिक प्रगति के बारे में नियमित आधार पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को जानकारी प्रदान करेंगे।
बयान में कहा गया है कि भारतीय नर्सों की सेवाओं की विदेशों में काफी मान्यता है, इसलिए उनकी गतिशीलता और बेहतर रोजगार के अवसरों को सुविधाजनक बनाने के लिए भारतीय नर्सिंग शिक्षा को वैश्विक मानकों के अनुरूप लाना महत्वपूर्ण है।
बयान के अनुसार इस पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भौगोलिक और ग्रामीण-शहरी असंतुलन को दूर करना है, जिसके कारण नर्सिंग पेशेवरों की उपलब्धता में कमी आती है और इस सुविधा से वंचित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित होती हैं।
भाषा दीपक
रंजन देवेंद्र
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