Contract Employee Permanent News: बड़ी खुशखबरी.. 2 साल पुराने अनियमित कर्मचारी किये जायेंगे परमानेंट.. जानें कितनी होगी नई सैलरी

सुक्खू सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर यह आरोप लगाया है कि उसने इन परियोजनाओं को केंद्रीय कंपनियों को सौंपते वक्त राज्य को पर्याप्त लाभ नहीं दिलाया।

  •  
  • Publish Date - April 5, 2025 / 10:49 PM IST,
    Updated On - April 5, 2025 / 10:49 PM IST

Contract Employee Permanent Govt Notification || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने का निर्णय
  • जलविद्युत परियोजनाओं का राज्य के अधीनकरण
  • बस किराए में वृद्धि

Contract Employee Permanent Govt Notification: शिमला: हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक शनिवार को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में आयोजित हुई। बैठक में राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।

Read More: Agra Building Collapse: भरभरा कर गिरी निर्माणाधीन मकान दुकान की छत, हादसे में दो लोगों की मौत, अन्य सात घायल

सबसे अहम फैसलों में राज्य में न्यूनतम बस किराया बढ़ाने का निर्णय शामिल रहा। अब हिमाचल प्रदेश में न्यूनतम बस किराया 5 रुपये से बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया है। यह फैसला एचआरटीसी (हिमाचल सड़क परिवहन निगम) के निदेशक मंडल की सिफारिश पर लिया गया। हालांकि, निजी बस ऑपरेटरों ने न्यूनतम किराया 15 रुपये करने का सुझाव दिया था, जिसे सरकार ने नहीं माना।

इसके अलावा, कैबिनेट ने राज्य के हजारों अनुबंध कर्मचारियों को बड़ी राहत देते हुए उन्हें नियमित करने का निर्णय लिया है। बैठक में तय किया गया कि 31 मार्च 2025 तक दो वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके अनुबंध कर्मचारी नियमित किए जाएंगे। साथ ही, चार साल की निरंतर सेवा पूरी कर चुके दैनिक वेतनभोगी और आकस्मिक भुगतान कर्मचारी भी इसी तिथि से नियमित होंगे।

 

जलविद्युत परियोजनाएं राज्य के नियंत्रण में

Contract Employee Permanent Govt Notification: सरकार ने कैबिनेट बैठक में यह भी निर्णय लिया कि सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (SJVNL) के पास मौजूद चार जलविद्युत परियोजनाओं को राज्य सरकार अपने अधीन लेगी। इन परियोजनाओं में शामिल हैं:

  • सुन्नी प्रोजेक्ट (382 मेगावाट)
  • लुहरी चरण-I (210 मेगावाट)
  • धौलासिद्ध प्रोजेक्ट (66 मेगावाट)
  • डुगर प्रोजेक्ट (500 मेगावाट)

इसके अलावा, एनएचपीसी से भी चंबा जिले की बैरा सुइल (180 मेगावाट) परियोजना को वापस लेने का निर्णय लिया गया है, क्योंकि इस प्रोजेक्ट की 40 साल की लीज अवधि समाप्त हो चुकी है।

दीर्घकालिक स्थिरता पर ध्यान: मंत्री

कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि ये कदम राज्य के लंबी अवधि के आर्थिक हितों को ध्यान में रखते हुए उठाए गए हैं। उन्होंने कहा, “कठिन समय में लोग कठिन फैसलों को समझेंगे। हम अपनी जिम्मेदारियों से भाग नहीं रहे हैं। चाहे वह परिवहन सेवा को बेहतर बनाना हो या जलविद्युत संसाधनों पर राज्य का नियंत्रण बढ़ाना हो, हमारा फोकस हिमाचल की दीर्घकालिक स्थिरता पर है।”

Read More: Amit Shah in Bastar: दूर हुआ दमन का दहशत.. अमित शाह ने शेयर की बच्चों की बेफिक्री की तस्वीर, आप भी देखें

सत्ताधारी सरकार का आरोप

Contract Employee Permanent Govt Notification: सुक्खू सरकार ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर यह आरोप लगाया है कि उसने इन परियोजनाओं को केंद्रीय कंपनियों को सौंपते वक्त राज्य को पर्याप्त लाभ नहीं दिलाया। वर्तमान फैसलों को राज्य के आर्थिक अधिकारों को पुनः प्राप्त करने की दिशा में एक प्रयास माना जा रहा है। इन निर्णयों से जहां राज्य की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी, वहीं स्थानीय संसाधनों पर नियंत्रण मजबूत करने का सरकार का इरादा भी स्पष्ट होता है।

❓ प्रश्न 1: किन अनुबंध कर्मचारियों को नियमित (Permanent) किया जाएगा?

राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि 31 मार्च 2025 तक दो वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके सभी अनुबंध कर्मचारी (Contract Employees) को नियमित किया जाएगा।

❓ प्रश्न 2: क्या दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी भी नियमित होंगे?

हाँ, जिन दैनिक वेतनभोगी (Daily Wage) और आकस्मिक भुगतान (Contingent Paid) कर्मचारियों ने लगातार 4 साल की सेवा पूरी कर ली है, उन्हें भी 31 मार्च 2025 से नियमित किया जाएगा।

❓ प्रश्न 3: यह फैसला कब और किसकी अध्यक्षता में लिया गया?

यह फैसला 6 अप्रैल 2025 को आयोजित हिमाचल प्रदेश कैबिनेट मीटिंग में लिया गया, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने की।